नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के श्वान दस्ते के शेरू और डॉली के अलावा उनके अन्य 48 साथी गणतंत्र दिवस समारोह को निष्कंटक संपन्न कराने में जुटे 45,000 सुरक्षाकर्मियों की तरह ही कड़ी सेवा में जुट रहे हैं। सोमवार को होने वाले इस बार के समारोह में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा ले रहे हैं।
नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस के श्वान दस्ते के शेरू और डॉली के अलावा उनके अन्य 48 साथी गणतंत्र दिवस समारोह को निष्कंटक संपन्न कराने में जुटे 45,000 सुरक्षाकर्मियों की तरह ही कड़ी सेवा में जुट रहे हैं। सोमवार को होने वाले इस बार के समारोह में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा ले रहे हैं।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ तीन से चार वर्ष उम्र के श्वान तीन वर्षो से चौबीस घंटे काम कर रहे हैं। राजपथ पर तीन किलोमीटर के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र के पूरे परेड मार्ग पर सभी सरकारी भवनों और परिसरों की जांच की गई है।
सूंघने की मजबूत शक्ति से लैस ये जर्मन शेफर्ड अपनी देखरेख करने वालों के साथ 26 जनवरी की सुबह राजपथ पर जांच करने के समय यहां-वहां बेहतर तरीके से दौड़ेंगे। उस समय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा एवं अन्य अत्यंत महत्वपूर्ण व्यक्ति गणतंत्र दिवस परेड को रेख रहे होंगे। यह परेड भारत की सैन्य शक्ति और संपन्न विविधता से भरी संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने आईएएनएस को बताया, “सभी 50 श्वानों में से प्रत्येक के साथ एक प्रशिक्षक राजपथ पर अलग-अलग स्थानों पर 26 जनवरी की सुबह तैनात रहेगा।”
दिल्ली पुलिस में श्वान देखरेखकर्ता ने अपना नाम जाहिर नहीं करने का आग्रह के साथ बताया कि कर्तव्य पर ड्यूटी पर तैनात श्वान को 90 मिनट की परेड बाद आराम करने की छूट मिलेगी।
भगत ने आईएएनएस से कहा, “काम का हर घंटा गुजर जाने के बाद सभी श्वानों को हम कम से कम 20 मिनट आराम का समय देते हैं।”
एक अन्य देखरेखकर्ता ने कहा इन श्वानों को ग्वालियर के समीप टेकनपुर में प्रशिक्षण दिया जाता है। यही अर्धसैनिक बलों का एक बड़ा प्रशिक्षण केंद्र है। भगत ने कहा, “श्वानों को आठ से नौ महीनों तक विस्फोटकों को पकड़ने का प्रशिक्षण दिया जाता है और अन्य प्रशिक्षण छह महीनों तक।”
दिल्ली पुलिस श्वान दस्ते में चार नस्लों -जर्मन शेफर्ड, कोकर स्पेनिश, डोबरमैन और लैब्राडोर- से तैयार किया जाता है।
माडल टाउन में मुख्य इकाई के अलावा चाणक्यपुरी, आर. के. पुरम, कल्याणपुरी, जनकपुरी में अपराध शाखा के परिसरों में छोटी इकाइयां स्थिति हैं।
विस्फोटक पकड़ने के प्रशिक्षण से लैस 32 श्वानों का दल है, चार श्वान गंध पहचान कर उसका पीछा करते हैं। दो अन्य नशीले पदार्थ की खोज करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं और अन्य श्वान खास तौर से भवन ढहने के बाद राहत एवं बचाव अभियान में मदद करते हैं।
चिकित्सकीय रूप से सही होने की दृष्टि से एक श्वान, बल में आठ वर्ष का होने तक काम करता है। उनकी सूंघने की शक्ति असाधारण होने का अर्थ यह है कि वे पुलिस की मदद गैरकानूनी और विस्फोटक का पता लगाने के अलावा अपराधियों को पकड़ने में कर सकते हैं।