भोपाल/इंदौर: कोविड-19 महामारी के बीच मध्य प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की खबरें सामने आने के बाद भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय विश्नोई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इस ओर ध्यान आकर्षित किया और राज्य में इसका उचित इस्तेमाल करने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड-19 की लड़ाई में राज्य सरकार नौकरशाहों को तरजीह दे रही है.
विश्नोई ने ट्वीट किया, ‘मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी. कृपया ध्यान दें. अप्रैल के प्रथम सप्ताह में महाराष्ट्र में 50,000 मरीज थे और ऑक्सीजन 457 मीट्रिक टन खर्च हुआ. वहीं, मध्य प्रदेश में 5,000 मरीजों पर 732 मीट्रिक टन ऑक्सीजन खर्च क्यों हुआ?’
68 वर्षीय विश्नोई प्रदेश के पूर्व मंत्री रह चुके हैं और वह चौथी बार विधायक हैं.
उनसे इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बृहस्पतिवार को फोन पर कहा कि जीवन रक्षक ऑक्सीजन की बर्बादी को मध्य प्रदेश में रोका जाना चाहिए.
जबलपुर जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधित्व एवं खुद भी अस्पताल चलाने वाले विश्नोई ने दावा किया कि ऑक्सीजन की बर्बादी हो रही है और जब मरीज खाना खा रहा होता है, उस वक्त भी ऑक्सीजन को बंद नहीं किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए मध्य प्रदेश में जनप्रतिनिधियों को भी विश्वास में लिया जाना चाहिए.
विश्नोई ने आरोप लगाया कि कोविड-19 की लड़ाई में राज्य सरकार नौकरशाहों को तरजीह दे रही है और जमीनी स्तर से जुड़े लोगों की अनदेखी कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कोरोना वायरस की जमीनी हकीकत को जानने के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करनी चाहिए, ताकि इससे लड़ने का उचित समाधान निकाला जा सके.’