1 अप्रैल 2021 से नया वित्तीय वर्ष शुरू होगा। इसके साथ ही कई नियमों में भी बदलाव होने जा रहा है। जिसका सीधा असर लोगों की जेबों में पड़ेगा। सरकार ने कई बैंकों को मर्जर कर दिया है। ऐसे में पुरानों बैंकों की चेक बुक किसी काम की नहीं रहेगी। वहीं पीएफ में निवेश पर टैक्स छूट की सीमा भी लागू होने जा रही है। आइए जानते हैं उन 6 बदलावों के बारे में जो 1 अप्रैल ले लागू होंगे।
बैंकों की चेक बुक और पासबुक हो जाएगी बेकार
देना, विजया बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, आंध्रा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक की पासबुक और चेकबुक 1 अप्रैल से बेकार हो जाएगी। इन सभी बैंकों के अन्य बैंकों में विलय हो गया है। देना और विजय बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्ज हो गई है। ओरिएंटल बैंक व यूनाइटेड बैंक को पंजाब नेशनल बैंक के साथ मिला दिया गया। कॉर्पेरेशन बैंक और आंध्रा बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में मर्ज कर दिया है।
EPF पर बदलाव
1 अप्रैल से ईपीएफ अकाउंट (EPF Account) में निवेश पर आयकर विभाग से पूरी तरह छूट नहीं मिलेगी। वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपए से अधिक का निवेश टैक्स के दायरे में आएगा।
बुजुर्गों को टैक्स रिटर्न से राहत
केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में 75 साल के ज्यादा आयु के बुजुर्गों को राहत दी। वित्तमंत्री ने कहा है कि जो बुजुर्ग केवल पेंशन और जमा होने वाली ब्याज आय पर निर्भर हैं। उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग करने की जरूरत नहीं। बैंक उनके इनकम पर आवश्यक टैक की कटौती करेगा।
रिटर्न फाइन करना सरल
टैक्सपेयर्स के वेतन के अलावा दूसरे सोर्स से होने वाली इनकम की जानकरी पहले से फिल होगी। इससे पहले तक इसका अलग से कैलकुलेश करना पड़ता था। अब तमाम जानकारी पहले से भरी हुई रहेगी।
TDS पर नियम
टीडीएस के लिए आयकर नियम 1 अप्रैल से बदल रहा है। अगर कोई शख्स आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करता है, तो बैंक में जमा रकम पर टीडीएस दर दो गुना हो जाएगी। भले की व्यक्ति आयकर स्लैब में नहीं आता है।
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने पेंशन फंड मैनेजर को अपने कस्टमरों से उच्च शुल्क लेने की अनुमति दी है। इससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। पेंशन नियामक 2020 में जारी प्रस्तावों के लिए उच्च शुल्क संरचना का प्रस्ताव किया गया है।