भोपाल: यूं तो भोपाल मध्यप्रदेश की राजधानी है, लेकिन शासन और प्रशासन की नाक के नीचे यहां अवैध कॉलोनियां कुकुरमुत्ते की तरह उंग आई हैं. शहर में धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां काटी जाती रही लेकिन नगर निगम प्रशासन देखता रहा. हर साल अवैध कॉलोनियों की लिस्ट तैयार होती है, लेकिन एक्शन में इच्छा शक्ति की कमी के कारण अवैध कॉलोनी काटने वालों के हौसले पस्त नहीं होते.शहर के चारों तरफ अवैध कॉलोनियां काटी जा चुकी है, प्रशासन ने जमीन की रिपोर्ट तैयार कराई तो इनकी संख्या लगभग 600 निकली, नगर निगम ने इनमें से अपने क्षेत्र में आने वाली 169 कॉलोनियों की लिस्ट जारी की है. नगर निगम ने इन कॉलोनी की लिस्ट जारी करते हुए इनमें प्लॉट खरीदने वालों को अपना पक्ष रखने के लिए 18 मार्च तक का समय दिया है. नगर निगम की सार्वजनिक सूचना के मुताबिक जिन लोगों ने कॉलोनियां काटी हैं, उनके खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज की जा रही है.
शहर में बिना लाइसेंस बिना विकास की अनुज्ञा हासिल की है कॉलोनी काटना अपराध की श्रेणी में आता है, इसमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान भी है. शहर में इससे पहले जिन 600 अवैध कॉलोनियों को चयनित किया गया था, उनमें से 169 शहरी क्षेत्र में और बाकी ग्रामीण क्षेत्रों में है. कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कुछ दिन पहले अवैध कॉलोनियों को लेकर समीक्षा बैठक की थी और नगरीय क्षेत्र में बनी कॉलोनियों के लिए नगर निगम को और जिला प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विकास अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए थे.
नगर निगम कमिश्नर ने हर रोज 40 अवैध कॉलोनियों पर एफआईआर दर्ज कराने का टारगेट दिया था, हालांकि यह टारगेट अभी बहुत पीछे है. जानकारी के मुताबिक अब तक नगर निगम में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियों पर एफआईआर दर्ज करा दी है. भोपाल में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियां हुजूर क्षेत्र में है, यहां लगभग 390 इंलिगल कॉलोनी हैं.
प्रशासन इन जगहों पर एक्शन लेने को तैयार दिखाई दे रहा है, शहर में रातीबड़, नीलबड़, कलखेड़ा, चौपड़ा कला, ईटखेड़ी समेत लगभग सभी क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां विकसित हो चुकी है. साल 1998 में नगर निगम सीमा में 198 अवैध कॉलोनियां डिटेक्ट की थीं. इसके बाद 2002 से 2008 तक करीब 70 और 2009 से 2013 तक 55 इंलिगल कॉलोनियां एक्जिस्टेंस में आई थीं, अब यह संख्या और भी बढ़ गई है.
यदि आप इनमे से किसी कॉलोनी में प्लॉट या मकान खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाए, जरूरी अनुमतियों के बगैर काटी जा रही हैं इन कॉलोनियों में प्लाट या मकान खरीदना आपके लिए खतरे से खाली नहीं है, आपकी जिंदगी भर की जमा पूंजी इसमें बर्बाद हो सकती है. नगर निगम और जिला प्रशासन ने यह भी तय किया था कि अवैध कॉलोनियों की सूची HOARDINGS के जरिए शहर के चौक चौराहों पर लगाई जाएंगी. यह भी तय किया गया है की अनुमति के बगैर विकसित की जा रही कॉलोनियों में इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन नहीं दिया जाए. प्रशासन ने यह भी तय किया है कि यदि इस कवायद के बाद भी कोई अवैध कॉलोनी पाई जाती है तो रिलेटेड ऑफिसर के खिलाफ भी जांच कर एक्शन लिया जाएगा.