काबुल, 8 अगस्त – अफगान सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने का संकल्प ले चुकी है, इसके बावजूद वित्तीय संस्थानों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच गया है। वॉचडॉग ने यह जानकारी दी। टोलो न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट (एसीसीआई) के अधिकारियों ने कहा कि सरकार अपनी भ्रष्टाचार विरोधी रणनीति में विफल रही है।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षो में राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा देश की संपत्ति और राजस्व की लूट को बर्दाश्त नहीं करने की शपथ लेने के बावजूद शीर्ष सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप बढ़ गए हैं।
एसीसीआई के प्रमुख खान जान ने कहा, “जबरन वसूली और मजबूत लोगों की भागीदारी बढ़ गई है और सरकार उनका सामना करने में नाकाम रही है। सबसे खतरनाक बात यह है कि कभी-कभी उच्च स्तर के अधिकारियों की इसमें भागीदारी रही है, यहां तक की मंत्री स्तर पर भी।”
स्वतंत्र संयुक्त भ्रष्टाचार विरोधी, निगरानी और मूल्यांकन समिति (एमईसी) के सचिवालय प्रमुख माईवंद रूहान ने कहा “कानून को लागू करने के क्षेत्र में भ्रष्टाचार निरोधक आपराधिक केंद्र भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को लागू करने में विफल रही है।”
इंटेग्रिटी वॉच अफगानिस्तान (आईडब्ल्यूए) ने कहा है कि भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर सरकार की कई प्रतिबद्धताओं के बावजूद इसपर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।
आईडब्ल्यूए के एक रिसर्चर ने कहा, “ब्रसेल्स सम्मेलन में भ्रष्टाचार का मुकाबला करने की दिशा में अफगान सरकार द्वारा जो प्रतिबद्धताएं बताई गई थीं, वे सिर्फ इस कानून को लागू करने में ही सफल रहीं। आज तक भ्रष्टाचार रोकने, लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सरकार द्वारा महत्वपूर्ण बदलाव नहीं किया गया है।”
इसके अलावा, अफगानिस्तान के वोलेसी जिरगा (संसद का निचला सदन) के कई सांसदों ने कहा है कि सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करने में विफल रही है।
टोलो न्यूज ने सांसद मोहम्मद अजीम किबरजानी का हवाला देते हुए कहा, “भ्रष्टाचार के मामले में तेजी देखने को मिला है। अगर आप भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते हैं तो आपको इसे सबसे पहले ऊपर से शुरू करना होगा।”
सीनियर ऑफिसर मिटिंग (एसओएम) के प्रतिनिधियों ने अफगान सरकार से भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर कदम उठाने का आह्वान किया था, जिसके दो सप्ताह बाद यह मामला उठा।
हालांकि सरकार का कहना है कि उन्होंने इससे निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं का 80 प्रतिशत पूरा कर लिया है।