ब्रिजटाउन (बारबाडोस), 24 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पिछले वर्ष टेस्ट और एक दिवसीय श्रृंखला बीच में छोड़ने के लिए 4.20 करोड़ डॉलर मुआवजे के अपने दावे पर वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) को जवाब देने के लिए मंगलवार तक की समय सीमा निर्धारित की है।
समाचार एजेंसी सीएमसी के अनुसार, त्रिनिदाद एक्सप्रेस समाचार पत्र में शुक्रवार को प्रकाशित रपट में बीसीसीआई से प्राप्त एक ईमेल के हवाले से कहा गया है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड पिछले महीने दायर अपने दावे को अब लंबे समय तक लटकाए नहीं रख सकता।
बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय सीमा के अंदर डब्ल्यूआईसीबी की तरफ से कोई जवाब नहीं आता है तो डब्ल्यूआईसीबी के खिलाफ अब बगैर किसी सूचना के उचित मंच पर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
बीसीसीआई ने पिछले वर्ष अपने प्रारंभिक संपर्क में डब्ल्यूआईसीबी को यह बताने के लिए पिछले वर्ष के मध्य नवंबर तक का समय दिया था कि वह दावे की राशि को कैसे सुलझाएगा।
लेकिन कैरिबियन समुदाय और कॉमन मार्केट संस्था, कैरिकॉम के हस्तक्षेप के बाद बीसीसीआई ने संस्था के उस अनुरोध को मान लिया था, जिसमें कहा गया था कि दावे को निपटाने के लिए अतिरिक्त 40 दिनों की मोहलत दी जाए।
यह समय सीमा अब समाप्त हो गई है और बीसीआई ने कहा है कि अब और इंतजार नहीं किया जाएगा।
बीसीसीआई के सचिव संजय पटेल के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है, “बीसीसीआई ने इस आशा के साथ अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि कैरीकॉम की मध्यस्थता में कोई स्वीकार्य समाधान निकाल लिया जाएगा।” इस पत्र की प्रतियां डब्ल्यूआईसीबी के अध्यक्ष डेव कैमरन और कैरिकॉम के महासचिव इर्विन लारोक को भी भेजी गई हैं।
पत्र में कहा गया है, “लेकिन खेद है कि बीसीसीआई की आशा अभी तक पूरी नहीं हो पाई है और 40 दिनों की लंबी समय सीमा समाप्त होने के बावजूद कोई स्वीकार्य समाधान निकालने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पाई है।”
पत्र में कहा गया है, “बीसीसीआई दावे के समाधान के लिए अब इंतजार नहीं कर सकता। हम आशा करते हैं कि कैरिकॉम हमारे रुख को समझने की कोशिश करेगा।”
डब्ल्यूआईसीबी के संपर्क प्रबंधक इमरान खान ने बीसीसीआई के ताजा पत्र के प्राप्त होने की पुष्टि की है, लेकिन उसके बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है।
बीसीसीआई ने लाखों डॉलर के मुआवजे का यह दावा तब किया था, जब वेस्ट इंडीज की एक दिवसीय क्रिकेट टीम पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत दौरा बीच में छोड़ स्वदेश लौट गई थी। वेस्टइंडीज टीम ने उनके यूनियन, डब्ल्यूआईपीए के साथ एक करार विवाद न सुलझ पाने के कारण यह कदम उठाया था।