भोपाल, 27 जुलाई – कोरोना काल में खेती किसानी का काम प्रभावित न हो इस मकसद से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को समय पर सुविधाएं और जरूरी सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। राज्य में अब तक खरीफ की फसलों की 130 लाख हेक्टयर में बोवाई की जा चुकी है, जो लक्ष्य से 15 लाख हेक्टयर कम है। राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने सोमवार को बताया है कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसानों को हरसंभव मदद दी जाएगी, ताकि वह कर्ज में नहीं डूबें।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि राज्य में खरीफ की फसल के लिए 145 लाख हेक्टेयर में बोवनी का लक्ष्य था, इसमें से 130 लाख हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है। ग्वालियर, चंबल और जबलपुर संभाग के 15 जिलों की 15 लाख हेक्टेयर में कम वर्षा के कारण बोवनी का काम प्रभावित हुआ है।
इन जिलों में धान की फसल रोपने के लिए नहरों से पानी छोड़ा जा रहा है, 15 अगस्त तक यह लक्ष्य पूरा कर लेने की उम्मीद है। इसी तरह सागर संभाग में उड़द की बोवनी प्रभावित हुई है।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कोरोना के संकट काल में खेती और किसान देश की उम्मीद साबित हुए हैं। जब पूरा देश लॉकडाउन पर था तब खेतों में काम जारी रहा, किसानों ने दो टाइम के भोजन, फल, सब्जी और दूध की आपूर्ति जारी रखी।
कमल पटेल ने आगे कहा कि किसानों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में क्षतिपूर्ति दिए जाने के पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं, वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी किसानों के लिए बड़ा सहारा है। सूखा या अतिवृष्टि की स्थिति में फसलों को हुई क्षति की भरपाई करने में पीछे नहीं रहेंगे, जिससे किसान कर्ज में न फंसे।