वाराणसी-पड़ाव, वाराणसी स्थित अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम में, सीमित संख्या में पूर्व से ही उपस्थित आश्रमवासियों द्वारा रविवार, 5 जुलाई 2020 को परम पावन पर्व गुरुपूर्णिमा महोत्सव बड़ी ही श्रद्धा एवं भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष इस तीन दिवसीय कार्यक्रम पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन होता है। गुरुपूर्णिमा की पूर्व संध्या पर पत्रकार सम्मलेन और मुख्य पर्व के दूसरे दिन श्री सर्वेश्वरी समूह का अखिल भारतीय वार्षिक अधिवेशन आयोजित होता है। परन्तु इस कोरोना-काल में सारे कार्यक्रम स्थगित हो गए। गुरुपूर्णिमा के दिन ही आयोजित एक लघु गोष्ठी में संस्था के मंत्री डॉ० एस०पी० सिंह जी ने संस्था का 59वाँ वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसको आप सभी पत्रकार बंधुओं को गुरुपूर्णिमा से एक दिन पहले ही उपलब्ध करा दिया जाता था। आपके पत्र में प्रकाशन हेतु उसका सारांश प्रस्तुत है—
इस वर्ष वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते हमारी संस्था के निर्धारित कार्यक्रम भी प्रभावित हुए। फिर भी इस चुनौतिपूर्ण और कठिन समय में संस्था अध्यक्ष पूज्यपाद बाबा गुरुपद संभव राम जी की सद्प्रेरणा से श्री सर्वेश्वरी समूह ने अनेक जनसेवा कार्यक्रमों को बखूबी संपन्न किया। इस संस्था की स्थापना का जो उद्देश्य संस्थापक परमपूज्य अघोरेश्वर महाप्रभु ने निर्धारित किया है, वे हैं– राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानना, मानवमात्र को अपना भाई समझना, नारीमात्र के प्रति मातृभाव रखना, बालक-बालिकाओं के विविध विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाना, असहाय एवं उपेक्षित लोगों की सेवा करना तथा उनके प्रति समाज में संगठित भावनाएं जागृत करना, मानव धर्म की मूल भावनाओं के विचार-विनिमय के लिए एक समान मंच प्रदान करना तथा सामाजिक कुरीतियों (रूढ़िवादिता, अंधविश्वास, नशाखोरी, तिलक-दहेज़ इत्यादि) के सम्पूर्ण उन्मूलन हेतु सफल प्रयास करना। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आपने उन्नीस सूत्रीय कार्यक्रम दिये हैं। समूह के प्रधान कार्यालय के साथ-साथ इसकी देश भर में फैली अनेक शाखाएं इन उन्नीस सूत्री कार्यक्रमों को धरातल पर बखूबी उतार रही हैं। कुष्ठ जैसे असाध्य रोग से पीड़ित लाखों मरीजों को अघोरेश्वर महाप्रभु ने विशुद्ध आयुर्वेदिक और फकीरी पद्धति से पूर्णतया स्वस्थ कर समाज में ससम्मान पुनर्प्रतिष्ठित किया है। इसके लिए रिकार्डों की विश्वविख्यात पुस्तक “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम का नाम अंकित हुआ है। इसके अलावा लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी संस्था का नाम अंकित है। साथ ही संस्था को अपनी अप्रतिम सेवाओं के लिए अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान अब तक मिल चुके हैं।
गत् गुरुपूर्णिमा से लेकर इस वर्ष की गुरुपूर्णिमा के बीच हुए जनसेवा कार्यक्रमों का एक संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है—
इस वर्ष कुल 72,995 रोगियों की निःशुल्क चिकित्सा की गयी। इसमें महाकुष्ठ के 900 तथा क्षुद्रकुष्ठ के 6,750 रोगी थे। कोविड की बंदी से पूर्व आयोजित विभिन्न शिविरों में शेष सामान्य असहाय रोगियों के अलावा 2,276 नेत्र रोगियों को चश्मा तथा 135 रोगियों के मोतियाबिंद का आपरेशन कर लेंस प्रत्यारोपण का कार्य संपन्न किया गया, 3026 मिरगी रोगियों को फकीरी दवा पिलाई गई। जरूरतमंद मरीजों का निःशुल्क रक्त समूह. रक्तचाप,, रक्त सर्करा, हेपेटाइटिस इत्यादि का परीक्षण किया गया। विकलांगों में वाकर, छड़ी तथा जन्मंधों में घुँघरूदार लाठियाँ दी गयीं। असहायों में मच्छरदानियों का वितरण किया गया।
संस्था ने लॉकडाउन के दौरान असहाय दिहाड़ी तथा प्रवासी कामगारों व अन्य जरुरतमंदों में 53 टन से अधिक अनाज के साथ नमक, पानी की बोतलें, हजारों साबुन, मास्क-गमछा, सेनेटाईजर आदि वितरित किया। संस्था के सैनिकों ने हजारों प्रवासी कामगारों को नास्ता व भोजन कराया तथा पुलिस बंधुओं को आयुर्वेदिक काढ़ा व चाय पिलाया। एक महिला जिसका श्रमिक पति लॉकडाउन में दिल्ली में फंसा था और उसके दो 10 व 12 वर्ष के बच्चे थे, की दुखद मृत्यु हो जाने पर उसकी अंत्येष्टि क्रिया की पूरी व्यवस्था प्रतापगढ़ की समूह शाखा उमरा ने किया।
पर्यावरण-संरक्षण के तहत संस्था ने कुल 12,265 पौधे लगाये। जाड़े में जरुरतमंदों को 4,874 कम्बलों, रजाईयों का वितरण किया तथा शीतलहर में जगह-जगह अलाव एवं गर्मी में शीतल जल का प्याऊ लगाया। अनेक चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को हस्तचालित पंखे, फल, ब्रेड, बिस्कुट इत्यादि दिया। मन्दिर, मस्जिद, गिरिजाघर, गुरुद्वारा एवं अन्य पूजा-स्थलों में झाड़ू, अगरबत्ती, माचिस दिया गया तथा अनेक देवस्थलों की साफ-सफाई भी की गयी।
बच्चों के विविध विकास हेतु विभिन्न समसामयिक विषयों पर निबंध-प्रतियोगिता, एकांकी आदि आयोजित कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया, उनमें पठन-पाठन व लेखन सामग्री वितरित की गयी, स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गयी, प्रतिभाशाली छात्रों को पुरष्कृत किया गया। मकनपुर, गाजियाबाद के एक सरकारी विद्यालय में कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, डेस्क इत्यादि हर प्रकार की सहायता स्थानीय समूह शाखा इंदिरापुरम करती है। आदिवासी क्षेत्रों के अनेक बालक जो परिस्थितिवश आश्रम में निवास करते हैं उनकी शिक्षा, वस्त्र, भोजन आदि सभी आवश्यकताओं की व्यवस्था संस्था करती है। इसके अलावा प्रतिवर्ष काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र से स्नातक प्रथम स्थान में उत्तीर्ण छात्र को अघोराचार्य बाबा कीनाराम गोल्ड मेडल, व बाबा राजेश्वर राम गोल्ड मेडल तथा स्नातकोत्तर में अघोरेश्वर भगवान राम गोल्ड मेडल व औघड़ गुरुपद संभव गोल्ड मेडल प्रदान किया जाता है। संस्था द्वारा योग तथा संगीत प्रशिक्षण के आयोजन किये गए। साथ ही युवकों तथा समाज के अन्य लोगों को सदाचारयुक्त, नशामुक्त जीवन जीने तथा सामाजिक कुरीतियों को तिरोहित करने की प्रेरणा हेतु सर्वेश्वरी सैनिकों की अनेक टोली समय-समय पर भ्रमण कर विभिन्न स्थानों पर गोष्ठियां आयोजित करती रहती है।
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