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 ट्रम्प के झूठ के होते जा रहे खुलासे, अब अमरीका में आया बुक बम | dharmpath.com

Tuesday , 22 April 2025

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ट्रम्प के झूठ के होते जा रहे खुलासे, अब अमरीका में आया बुक बम

June 25, 2020 9:16 am by: Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से Comments Off on ट्रम्प के झूठ के होते जा रहे खुलासे, अब अमरीका में आया बुक बम A+ / A-

अपने व अपनी सरकार के पुअर परफौरमेंस पर नहीं, बल्कि तिकड़म, झूठ, फरेब के सहारे चुनावी नैया पार करने की फ़िराक में लगे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पोल खुलती जा रही है. रिलीज़ होने की कतार में लगीं कुछ किताबें ट्रंप के लिए बम सरीखा साबित होने वाली हैं.

चुनावी बिसात बिछने से पहले सियासी बिसात.

3 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनावों के लिए एक साल पहले से की जा रही तिकड़मबाजी की पोल खुल गई है. देश के सरबराह डोनाल्ड ट्रंप अगले कार्यकाल को पाने के लिए मौजूदा कार्यकाल के आखिरी दिनों में तरहतरह की राजनीतिक गोटियां चल रहे हैं, लेकिन समय साथ नहीं दे रहा क्योंकि उन की तकरीबन सभी गोटियां उलटी पड़ती दिख रही हैं.

दुनियावालों के लिए दिलचस्प यह है कि अमेरिकी चुनावी राजनीति में इस बार बुक्स (पुस्तकें) भूमिका निभाने जा रही हैं. अमेरिका में 2 किताबें, जिन्हें रिलीज़ किया जाना है, को ले कर ज़ोरदार हंगामा खड़ा हो गया है. जबकि, एक तीसरा सब्जैक्ट तैयार है जो अगली किताब का विषय बन सकता है.

पहली किताब : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जौन बोल्टन की किताब ने छपने से पहले ही दुनियाभर में तहलका मचा दिया है. दरअसल, बोल्टन ने अपनी किताब में ट्रंप और चीन के संबंधों को ले कर चौंका देने वाला खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि ट्रंप ने साल 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में जीत के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से वर्ष 2019 में मदद मांगी थी. यह किताब साइमन ऐंड शस्टर पब्लिकेशन कंपनी से प्रकाशित होनी है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस किताब को छपने से रोकने के लिए हर हरबे का इस्तेमाल कर रहे हैं. हो सकता है कि अमेरिका की अदालत राज़दारी के क़ानून के हनन की वजह से इस किताब के प्रकाशन पर रोक लगा दे.

जौन बोल्टन द्वारा लिखित किताब ‘द रूम व्हेयर इट हैप्पेंड : द व्हाइट हाउस मेमौयर’ में वे रहस्य हैं जिन से ट्रंप की बड़ी बेइज़्ज़ती हो सकती है और यह साबित हो सकता है कि ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए फ़िट नहीं हैं. जैसे, किताब में बताया गया है कि ट्रंप ने पत्रकारों को फांसी देने की मांग की थी, वे समझते थे कि फ़िनलैंड रूस के अंदर है, ट्रंप चीन में कैंपों के अंदर उइगर मुसलमानों की स्थिति से पूरी तरह सहमत हैं, उन्होंने चीन के राष्ट्रपति से मांग की थी कि चुनाव जीतने में उन की मदद कर दें.

बोल्टन की किताब के कुछ अंश ‘द वौल स्ट्रीट जर्नल’, ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ और ‘द न्यूयौर्क टाइम्स’ में छापे गए हैं. इन में बोल्टन दावा करते हैं कि पिछले साल जून में जापान के ओसोका में जी-20 समिट के दौरान ट्रंप चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले, तो अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के बारे में बात करने लगे कि किस तरह से चीन की आर्थिक क्षमता ऐसी है कि वह अमेरिका में जारी चुनावी प्रचार अभियान पर असर डाल सकती है. बोल्टन ने लिखा है कि ट्रंप ने शी से उन्हें जिताने की अपील की.

किताब में बोल्टन के मुताबिक, ट्रंप ने अमेरिका के किसानों के महत्त्व पर जोर दिया और कहा कि कैसे चीन के सोयाबीन और गेहूं खरीदने से अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों पर असर पड़ सकता है. बोल्टन ने दावा किया है कि ट्रंप ने चीन से ट्रेड वौर खत्म करने और पश्चिम चीन में उइगर मुसलिमों के लिए कन्सन्ट्रेशन कैंप बनाने की पेशकश तक कर डाली.

अब जब बात नहीं बन पा रही तो ट्रंप ने 18 जून को उइगर मुसलिमों के खिलाफ चीन में हो रही कार्रवाई को ले कर चीन को सजा देने वाले बिल पर दस्तखत कर दिया है. इस के तहत उइगर मुसलिमों पर सर्विलांस करने वाले और उन्हें डिटेंशन सेंटरों में डालने वाले अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. माना जा रहा है कि इस दिशा में चीन के खिलाफ किसी देश का उठाया यह सब से कड़ा कदम है.

कुछ समय पहले चीन से बात न बनते देख डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने विपक्षी उम्मीदवार जो बाइडेन पर चीन से मिलीभगत का आरोप लगाते रहे हैं. उन्होंने चीन पर कई बार आरोप लगाया है कि वह बाइडेन को चुनाव जिताने के लिए कोशिशें कर रहा है. ट्रंप के इस कथन से साफ़ है कि अमेरिका के चुनाव में चीन का असर पड़ेगा, जिस का उन्हें सहयोग नहीं मिल पा रहा है.

दूसरी किताबः अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भतीजी मैरी ट्रंप एक किताब लिख रही हैं. इस किताब में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के यौन स्कैंडलों और परिवार से उन के संबंधों का ख़ुलासा किया है. किताब में यह भी बताया है कि वे अपनी पत्नियों से क्यों अलग हुए और उन की संपत्ति का स्रोत क्या है. यह किताब भी साइमन ऐंड शस्टर पब्लिकेशन से अगले महीने के आख़िर तक छप जाएगी. इस किताब का नाम है – ‘Too Much and Never Enough: How My Family Created the World’s Most Dangerous Man.’ भतीजी मैरी ट्रंप ने अपने अंकल डोनाल्ड ट्रंप के बारे में बेहद संगीन और भयावह खुलासे करने की ठान ली है.

अमेरिका के एक इंग्लिश डेली ने यह खुलासा किया कि मैरी जल्द ही अपने अंकल डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी डरावनी और घिनौनी सचाइयां बयान करती किताब लाने जा रही हैं. इस किताब के कुछ हिस्से, जो मीडिया ने बयान किए हैं, उन से अंदाज़ा लगता है कि ट्रंप कितनी बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं.

मैरी अपनी किताब में बताने जा रही हैं कि ‘कैसे दुनिया के सब से खतरनाक आदमी को रचने के लिए उन का परिवार ज़िम्मेदार रहा’. जुलाईअगस्त में आने वाली यह किताब चर्चाओं में है क्योंकि ट्रंप के लिए चुनाव में यह बड़ा झटका साबित हो सकती है. किताब में यह भी बताया गया है कि ट्रंप किस तरह टैक्स की चोरी करते थे और किस तरह अलज़ाइमर के मरीज़ अपने पिता का मज़ाक़ उड़ाते थे.

मालूम हो कि आने वाली किताब में एमेजौन ने मैरी एल ट्रंप के बारे में लिखा है कि वे एडवांस्ड साइकोलौजिकल स्टडी के डर्नर इंस्टिट्यूट से पीएचडी की डिग्री हासिल कर चुकी हैं और ट्रौमा साइकोपैथोलौजी के साथ ही डैवलपमैंटल साइकोलौजी के ग्रेजुएट कोर्सों के सब्जैक्ट्स पढ़ाती हैं. इस के अलावा वे क्लीनिकल साइकोलौजी की कोच भी हैं. 55 वर्षीय मैरी के पिता फ्रेड ट्रंप जूनियर 1981 में गुज़रे थे, जो डोनाल्ड ट्रंप के बड़े भाई थे.

लपेटे में ओबामा भी :

कच्चा चिट्ठा खोलने की इस लड़ाई में तीसरा नाम मालिक ओबामा का है जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा के सौतेले भाई हैं. उन्होंने एक बड़ा धमाका किया है जिस से यक़ीनन ट्रंप के सीने को ठंडक मिली होगी जो आजकल बड़े कठिन दौर से गुज़र रहे हैं. मालिक ओबाम ने दावा किया है कि उन के पास दस्तावेज़ हैं जिन से साबित होता है कि ओबामा अमेरिका में नहीं, केन्या के मोम्बासा में पैदा हुए थे. यदि यह बात सही है तो क़ानूनी और संवैधानिक दृष्टि से ओबामा को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं था. अमेरिका के कुछ पब्लिकेशन हैं जो मालिक ओबामा से यह किताब लिखवाने की कोशिश में लगे हैं.

बहरहाल, रोचक यह है कि ये किताबें अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से 3 महीने पहले प्रकाशित हो जाएंगी और संभावना है कि इन किताबों का राष्ट्रपति ट्रंप की साख पर बहुत गहरा असर पड़ेगा. वैसे भी, हालिया सर्वे रिपोर्टों से पता चलता है कि जो बाइडेन की स्थिति मज़बूत हो गई है.

वहीं, ट्रंप अमेरिकी अदालत की मदद से बोल्टन की किताब का प्रकाशन रुकवाने या उस की कुछ बातें हटवाने में सफल होंगे या नहीं, यह तो समय बताएगा लेकिन इतना तो तय है कि इस समय तक उस किताब की जो बातें लीक हो चुकी हैं वे ट्रंप की साख पर बहुत बड़ा आघात लगा देंगी. हां, विपक्षी उम्मीदवार जो बाइडेन के लिए ये दिन सैलिब्रेट करने वाले हैं.

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