नई दिल्ली, 16 जून -लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में तीन भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए विदेश मंत्री एस.जयशंकर और ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेवाओं के प्रमुखों के साथ साउथ ब्लॉक में बैठक की। यह झड़प गलवान घाटी में सेनाओं के हटने के अभियान के दौरान हुई।
1975 के बाद से चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के साथ झड़प में भारतीय सेना के जवानों के शहीद होने का यह पहला मामला है, जब एक भारतीय गश्ती दल पर अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर हमला किया गया था।
सिंह ने सेना प्रमुखों से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में मौजूदा स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है और यह भी पूछा कि इसके बाद कूटनीतिक स्तर पर क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने को मंगलवार सुबह कश्मीर का दौरा करना था, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सोमवार रात के घटनाक्रम के बाद इसे रद्द कर दिया गया।
पूर्वी लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के दौरान सोमवार रात एक अधिकारी सहित भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए।
झड़प में एक भारतीय सेना के कर्नल और दो जवान शहीद हुए हैं। भारतीय सेना ने कहा कि हिंसक झड़प के दौरान कोई गोली नहीं चलाई गई।
भारतीय सेना ने एक ताजा बयान में यह भी कहा कि गलवान घाटी में सेनाओं के हटने की प्रक्रिया के दौरान, सोमवार रात हुई हिंसक झड़प में दोनों पक्षों के जवान शहीद हुए।
हालांकि, कितने चीनी सैनिक मारे गए हैं, इसका अभी पता नहीं चल पाया है।
तनावपूर्ण हालात को संभालने के लिए दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी वर्तमान में बैठक कर रहे हैं।