लखनऊ , 23 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार अरुण पाठक ने कानपुर खंड स्नातक विधान परिषद के उपचुनाव में मानवेंद्र स्वरूप को 1816 मतों से पराजित किया।
जगेंद्र स्वरूप के निधन से रिक्त हुई कानपुर खंड स्नातक सीट पर 19 जनवरी को मतदान हुआ था। 68,063 मतदाताओं ने 13 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला किया था।
मतगणना के दौरान 4626 वोट अवैध पाए गए थे, जबकि 73 मतदाताओं ने ‘नोटा’ का प्रयोग किया था। ऐसे में प्रथम वरीयता के मतों से जीत के लिए 31,683 मतों का कोटा निर्धारित किया गया था, लेकिन कोई भी प्रत्याशी कोटे के अनुसार मत नहीं प्राप्त कर सका।
भाजपा के अरुण पाठक को प्रथम वरीयता में 22,170 वोट मिले थे, जबकि मानवेंद्र स्वरूप ने 22,433 वोट पाकर अरुण पर बढ़त बना ली थी। चूंकि कोटा के अनुसार, किसी को भी मत नहीं मिले, ऐसे में द्वितीय वरीयता के मतों की गणना की गई, जिसमें भाजपा के अरुण पाठक ने बाजी मार ली।
अरुण ने द्वितीय वरीयता के 1816 वोट पाकर मानवेंद्र स्वरूप को पराजित किया। निर्वाचन अधिकारी एवं मंडलायुक्त मोहम्मद इत्तिखारुद्दीन ने उन्हें विजयी घोषित किया। पार्टी उम्मीदवार की जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने ढोल-नगाड़ों के साथ विजय जुलूस निकाला।
उल्लेखनीय है कि अरुण पाठक ने करीब 32 वर्ष से इस सीट पर काबिज रहे जगेंद्र स्वरूप के पुत्र को शिकस्त दी। इस सीट पर स्वरूप परिवार का दशकों से कब्जा रहा था। अरुण पाठक की जीत पर भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि कानपुर स्नातक सीट जीतना पार्टी के लिए एक शुभ संकेत है।