भोपाल, 23 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में स्वाइन फ्लू के पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, इस बीमारी से मौतें भी हो रही हैं, मगर सरकार हालात नियंत्रण में होने का दावा करते हुए उन निजी अस्पतालों पर शिकंजा कस रही है जो मीडिया को इस बीमारी से होने वाली मौतों की जानकारी दे रहे हैं। वहीं इलाज के दिशा निर्देशों का पालन न करने पर पांच निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए हैं।
राजधानी भोपाल में गुरुवार को एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे स्वाइन फ्लू पीड़ित मरीज 51 वर्षीय रमेश बावस्कर की मौत हो गई है। वे 16 जनवरी को निजी अस्पताल में भर्ती हुए थे और उन्हें फेंफड़े में संक्रमण था। मरीज का नमूना आरएमआरसीटी, जबलपुर में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाया गया था। वहीं दो मरीजों के नमूने और पॉजिटिव पाए गए हैं। इस तरह राजधानी में स्वाइन फ्लू पीड़ित मरीजों की संख्या आठ हो गई है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि राज्य में स्वाइन फ्लू (एच-वन एन-वन) के उपचार की टेमी फ्लू दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। दिल्ली और महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू के ज्यादा मामले पॉजीटिव पाए गए हैं। इन राज्यों की यात्रा कर लौटे नागरिकों में कुछ मामले इंदौर और भोपाल में पाए गए हैं। इनमें जिन लोगों में स्वाइन फ्लू पोजीटिव पाया गया है उन्हें हाई रिस्क केटेगरी में रखा गया है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि इसके उपचार के लिए प्रदेश के अस्पतालों में आवश्यक दवाओं का पर्याप्त प्रबंध किया गया है। ग्वालियर व जबलपुर में टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है।
राज्य में निजी अस्पतालों द्वारा स्वाइन फ्लू पीड़ित मरीजों की मौत या पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों का खुलासा किए जाने के बाद सरकार ने निजी अस्पतालों पर ही शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि निजी क्षेत्र के अस्पताल आधिकारिक रूप से किसी भी मृत्यु की सूचना समाचार-पत्रों में देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इसलिए उनकी सूचना को ‘अफवाह फैलाना’ मानते हुए उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।
राज्य सरकार ने निजी चिकित्सालयों पर शिकंजा कसते हुए, भोपाल व इंदौर के पांच निजी चिकित्सालयों में स्वाइन फ्लू के प्रोटोकॉल का कथित तौर पर पालन न किए जाने पर नोटिस जारी किया है।
विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण के अनुसार, इन अस्पतालों द्वारा सरकार के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया है, लिहाजा उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
यहां बताना लाजिमी होगा कि राज्य स्तर पर स्वाइन फ्लू की अधिकृत जानकारी मीडिया को उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं। आलम यह है कि विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों के जिम्मेदार अधिकारी व विभाग के संचालक स्तर के अधिकारी भी ब्योरा देने को तैयार नहीं हैं। एक अधिकारी का तो यहां तक कहना है कि बुधवार की रात उनके मोबाइल पर विभागीय अधिकारी का फोन आया था कि वे किसी को भी स्वाइन फ्लू की स्थिति से अवगत न कराएं।
राज्य में सरकार व विभाग के असहयोगात्मक रवैए के चलते ही स्वाइन फ्लू के मामले में भ्रम फैल रहा है। मीडिया को जिस स्तर से जो सूचना मिलती है, उसे प्रसारित व प्रकाशित कर दिया जाता है, लिहाजा राज्य में स्वाइन फ्लू को लेकर कई इलाकों में भय बढ़ रहा है।
प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण से आईएएनएस ने कई दफा संपर्क करने की कोशिश की, मगर वे उपलब्ध नहीं हुए।