इस्लामाबाद-पाकिस्तान में शनिवार से लॉकडाउन में दी गई ढील के बाद शहरों के बाजारों में लोगों का हुजूम दिखा। यह हुजूम शनिवार को उस दिन दिखा जब देश में कोरोना के रिकार्ड मामले (कुल 1991) दर्ज किए गए और पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन ने मांग दोहराई कि अगर कोरोना को फैलने से रोकना है तो ढील को वापस लेकर संपूर्ण और सख्त लॉकडाउन लागू करना होगा।
पाकिस्तान में शनिवार से कई प्रांतों व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आंशिक लॉकडाउन को मई के अंत तक बढ़ाने का फैसला हुआ। साथ ही कहीं पर हफ्ते में चार दिन और कहीं पर पांच दिन, सुबह भोर के समय से शाम पांच बजे तक बाजार खोलने का फैसला किया गया। हालांकि, शापिंग कांप्लेक्स और माल पहले की ही तरह बंद रहेंगे।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि रावलपिंडा में ईद की तैयारियों के सिलसिले में लोग बड़ी संख्या में बाजारों में पहुंचे।
कराची में आधिकारिक रूप से बाजार को खोलने की अनुमति सोमवार से दी गई है लेकिन इससे पहले ही शहर में चूड़ियों और जूता-जूतियों की दुकानें सज गईं और विशेषकर महिलाएं इन दुकानों पर उमड़ पड़ीं।
राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में तो लोग दुकानों के खुलने से पहले ही इनके सामने लाइनों में लगे नजर आए। ऐसे ही दृश्य लाहौर, पेशावर और क्वेटा जैसे बड़े शहरों में भी देखने को मिले।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सभी जगहों पर सरकार द्वारा आवश्यक करार दिए गए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ीं।
संघीय व प्रांतीय सरकारों के बीच तय हुआ था कि नौ मई से लॉकडाउन में ढील दी जाएगी, सुबह से शाम तक बाजार खुलेंगे लेकिन यह शनिवार व रविवार को नहीं खुलेंगे। नौ मई को शनिवार होने के बावजूद बाजार खुले। इस बारे में रावलपिंडी में व्यापारी नेताओं से पूछा गया कि शनिवार को तो बाजार नहीं खोलना है तो उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि दुकानें खोलो।’