बीजिंग, 29 अप्रैल – अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिका लैंसेट के प्रमुख संपादक रिचर्ड हॉर्टन ने पत्रिका में ‘डब्ल्यूएचओ के बारे में राष्ट्रपति ट्रम्प का बयान क्यों गलत है’ शीर्षक लेख प्रकाशित किया।
लेख ने वर्ष 2019 की 31 दिसंबर को चीन द्वारा पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठन को वुहान के अज्ञात निमोनिया सूचित किए जाने के बाद डब्ल्यूएचओ के सभी निपटान का सिंहावलोकन किया और कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चार ही दिनों के भीतर विश्व को नये प्रकार के निमोनिया के बारे में सूचित किया और तीस दिन के बाद इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा डब्ल्यूएचओ के प्रति की गयी आलोचना निराधार है।
लेख के अनुसार 14 जनवरी को डब्ल्यूएचओ ने यह कहा कि नये कोरोना वायरस सार्स और मर्स का जैसा होता है। इसलिए इस का लोगों के बीच पारस्परिक संचार संभव है। लेख में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति के दौरान डब्ल्यूएचओ की निराधार आलोचना की और वित्तीय सहायता बन्द की, जिससे अमेरिका के विश्वास को नुकसान पहुंचा है। राष्ट्रपति ट्रम्प को तुरंत ही डब्ल्यूएचओ को वित्तीय सहायता बहाल करनी चाहिये।
उधर डब्ल्यूएचओ के महा निदेशक ट्रेडोस अधानोम घेब्रेसिएस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ विभिन्न देशों को वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर सिफारिशें प्रदान करता है। लेकिन इसे अमल करने या न करने का अधिकार प्रत्येक देश के पास होता है। डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों को स्वीकार करने या न करने के बावजूद, प्रत्येक देश को अंतत: अपनी जि़म्मेदारी स्वयं उठानी होगी। उन्होंने कहा कि सभी देशों को अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य कदम उठाने चाहिये। विश्व की एकता के आधार पर दूसरे चरण में महामारी से बचा जा सकता है।