जबलपुर, 23 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में शहरों की सड़कों के बाएं मोड़ को अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश जबलपुर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दिए हैं। उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने इसके लिए तीन माह की समय सीमा तय की है।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के ड़ॉ पी.जी. नाजपांडे की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि शहर के मुख्य चौराहों में अतिक्रमण व नियमों को ताक पर रखकर किए गए निर्माण कार्यो के कारण बाएं मोड़, अंधे मोड़ बन गए हैं।
याचिका में जबलपुर का जिक्र करते हुए कहा गया है कि रेलवे स्टेडियम के सामने पर्यटन विभाग की इमारत बनने के बाद बाएं मोड़ पर अंधा मोड़ बन गया है। इसी तरह कई अन्य स्थानों पर बाएं मोड़ पर अतिक्रमण के कारण दृश्यता पूरी तरह समाप्त हो गई है। इस वजह से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मानिकराव व न्यायमूर्ति सी. वी. सिरपुरकर की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए गुरुवार को राज्य सरकार, जिलाधिकारी व निगमायुक्त को निर्देश दिया है कि शहर की सड़कों के बाएं मोड़ को अतिक्रमण मुक्त किया जाए।
याचिका की सुनवाई के दौरान अनावेदकों की तरफ से जवाब पेश किया गया। पेश किए गए जवाब को संज्ञान में लेते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका का निराकरण किया।
याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने पैरवी की।