कोयंबटूर: कोरोना वायरस के खिलाफ चलाए जा रहे राहत कार्यों को लेकर स्थानीय प्रशासन और सरकार के खिलाफ झूठी और उकसावे वाली खबरें देने के आरोप में एक अंग्रेजी समाचार पोर्टल के संस्थापक को तमिननाडु के कोयंबटूर शहर से गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि ‘सिम्प्लिसिटी’ समाचार पोर्टल चलाने वाले एंड्रयू सैम राजा पांडियन को शहर के एक नगर निगम अधिकारी की शिकायत पर बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया और एक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
सिम्प्लिसिटी पोर्टल के अनुसार, पांडियन को अविनाशी उपजेल में रखा गया है.
कोयंबटूर के माकपा सांसद पीआर नटराजन ने राजा पांडियन की गिरफ्तारी की निंदा की है.
कोयंबटूर और तिरुपुर के पत्रकार संघों ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि यह प्रेस की स्वतंत्रता के खिलाफ है.
पुलिस ने कहा कि पोर्टल के खिलाफ बुधवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 189 और महामारी रोग कानून की धारा तीन के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने बताया कि इससे पहले पोर्टल के एक पत्रकार और फोटोग्राफर से मामले के संबंध में चार घंटों से अधिक समय तक पूछताछ की गई.
प्राथमिकी के अनुसार, पोर्टल ने ऐसी खबरें दी थी कि कोरोना वायरस से निपटने में शामिल सरकारी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और कर्मचारियों को पर्याप्त भोजन नहीं दिया गया और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत कर्मचारी गरीबों के लिए निर्धारित राहत कोष में गबन कर रहे हैं.
आरोप है कि पोर्टल सरकार के खिलाफ टि्वटर, वॉट्सऐप और फेसबुक समेत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पूरी तरह से झूठी खबरें पोस्ट कर रहा था.
प्राथमिकी के अनुसार, ये खबरें उकसावे वाली है और कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ कर सकती है तथा पीडीएस गतिविधियों को बाधित कर सकती हैं.
सिम्प्लिसिटी की एक रिपोर्ट सीएमसीएच हॉस्टल में रह रहे अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को समय पर और पर्याप्त भोजन न मिलने को लेकर था. वहीं दूसरी खबर सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर मची कथित लूट और सरकार की ओर से दिए जा रहे एक हजार रुपये के अनुदान के संबंध में थी.
इन्हीं दो खबरों को लेकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर समाचार पोर्टल के संस्थापक को गिरफ्तार किया है.