नयी दिल्ली, 18 अप्रैल- कांग्रेस ने शनिवार को सरकार के लॉकडाउन की अवधि के दौरान गैर-आवश्यक वस्तुओं की डिलिवरी करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को अनुमति देने के फैसले का विरोध किया। कांग्रेस ने कहा है कि इससे देश में खुदरा क्षेत्र की रीढ़ टूट जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने कहा, “छठी आर्थिक जनगणना के अनुसार, कृषि के बाद खुदरा व्यापार सबसे प्रमुख आर्थिक गतिविधि है।”
उन्होंने कहा कि यह कृषि के बाहर कुल आर्थिक गतिविधियों में 35.41 प्रतिशत इसका योगदान है, जो सबसे बड़ा है।
उन्होंने कहा कि जहां तक रोजगार का सवाल है, यह भारत में कुल रोजगार का “पांचवां हिस्सा” देता है। यह मैन्यूफैक्चरिंग के बाद दूसरे नंबर पर है, जो भारत में 2.72 करोड़ लोगों के लिए रोजगार पैदा करता है।
देश भर के खुदरा व्यापारियों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “व्यापारियों की पिछले एक महीने से दुकानें बंद हैं। जीएसटी, नोटबंदी और ई-कॉमर्स उनकी रीढ़ तोड़ रहे हैं।”
माकन ने कहा कि उन्हें बिजली शुल्क, संपत्ति कर, वाणिज्यिक कर और कई अन्य शुल्क चुकाने होंगे।
उन्होंने कहा, “गृह मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों के वाहनों को सप्लाई करने की अनुमति दी है और आश्चर्यजनक रूप से यह आदेश ई-कॉमर्स कंपनी को गैर-आवश्यक वस्तुओं के व्यापार से नहीं रोकता है।”
उन्होंने कहा, “गैर-व्यापारिक वस्तुओं के लिए कोई स्तरीय क्षेत्र नहीं है। और अगर व्यापारियों को स्तरीय क्षेत्र नहीं दिया जाता है, तो लॉकडाउन अवधि के बाद वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पाएंगे।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके ऊपर उन्हें वेतन और बिजली शुल्क भी देने पड़ते हैं। माकन ने कहा, “मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह आदेश को स्पष्ट करे और इन व्यापारियों के बचाव के लिए आगे आए।”