लखनऊ-उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्रियों ने बुधवार को करीब 21 दिनों तक घरों या अपने को सीमित रखने वाले ने बुधवार को अपने-अपने दफ्तरों का रुख किया। सभी लोगों ने सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए अपना काम किया। हालांकि कम ही कर्मचारियों को बुलाया गया। बुधवार की सुबह उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपने कार्यालय में जरूरी फाइलों को निपटाते दिखे। इसके बाद उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों के साथ परिचर्चा भी की। उन्होंने विधान भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करके जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना से निपटने में विभाग की भूमिका के बारे में भी चर्चा की।
मौर्य ने कहा कि लॉकडाउन से संबंधित भारत सरकार की गाइडलाइन आ गई है। उसका अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद निर्माण समिति की बैठक होगी। इसमें निर्माण कार्य कराए जाने पर विचार किया जाएगा और गाइडलाइन में निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे संबंधित निर्माण कार्यो की सूची बना लें। जैसे ही निर्माण समिति की संस्तुति होगी, निर्माण कार्य शुरू कराए जाएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग तथा लॉकडाउन का पालन भी अनिवार्य रूप से करना होगा।
वित्त व संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना भी अपने दफ्तर में फाइल के पन्ने पलटते दिखे। दो दिन पहले हालांकि उन्होंने औद्योगिक गतिविधियों के संचालन के लिए बनी कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर भी बैठक की। आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने भी भगवा मास्क पहने दफ्तर में फाइलें पलटीं।
जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह सहित अन्य कई मंत्री भी कार्यालय पहुंचे। वहीं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने अधिकारियों के बिजली विभाग की समीक्षा की। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को सामाजिक दूरी बनाते हुए जरूरी कार्य निपटाने के निर्देश दिए। इस दौरान मंत्रियों ने अपने कर्मचारियों को साफ निर्देश दिया है कि केवल विभागीय कामकाज से जुड़े प्रकरण ही रखे जाएंगे। सामान्य भेंट-मुलाकात अभी स्थगित रहेगी।