रायपुर, 14 अप्रैल – देश के लगभग हर हिस्से में छत्तीसगसढ़ के मजदूर काम करने जाते हैं। कोरोनावायरस महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन ने इन मजदूर परिवारों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी कर दी है। इनकी मदद के लिए अनेक अनाम लोग सामने आ रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसे लोगों के प्रति न केवल आभार जताया है बल्कि खुद भी इन मजदूरों की जरूरत की पूर्ति की कमान संभाली है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आया है। यहां बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के मजदूर काम करने गए हुए हैं। लॉकडाउन होते ही काम बंद हुआ तो मजदूरों ने पैदल ही घर वापसी का फैसला कर लिया। इन मजदूरों की टोली जब पैदल हाईवे पर रास्ता तय कर रही थी तभी कुछ लोगों से इनकी मुलाकात हुई। समाज सेवा के काम को धर्म मानने वाले इन लोगों ने मजदूरो के ठहरने और खाने का इंतजाम तो किया ही साथ में लखनऊ के प्रशासन के अलावा छत्तीसगढ़ प्रशासन को भी सूचना दी।
बताया गया है कि मुख्यमंत्री बघेल को जब छत्तीसगढ़ के मजदूरों के लखनऊ में मुसीबत में होने की सूचना मिली तो उन्होने स्वयं मजदूरों की मदद का इंतजाम किया और मजदूरों की मदद करने वाले लखनऊ के प्रतिनिधियों से बात की। लखनऊ में मजदूरों की मदद के लिए एक समूह बनाया गया है, जिसे नाम दिया गया है ‘एटदरेटसपोर्टएलओके’।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि वे उन सभी लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं जो किसी न किसी रूप में छत्तीसगढ़ के नागरिकों की मदद कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन भी अपने राज्य मे विभिन्न राज्यों के नागरिकों की भरपूर मदद कर रहा है जो लॉकडाउन की वजह से निकल नहीं पाए ।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री बघेल स्वयं राज्य के बाहर फंसे मजदूरों, परिवारों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हर रोज उन लोगों के प्रतिनिधियों से संवाद कर हालचाल जानते है और उनकी जरूरतों को पूरा करने के प्रयास जारी रखे हुए हैं।
छत्तीसगढ़ सहित दूसरे राज्यों के मजदूरों की मदद करने वाले अपना नाम तक बताने को तैयार नहीं हैं। ऐसे ही कुछ लोगों से आईएएनएस ने बात की तो उनका कहना था कि समाज में विपत्ति के समय दूसरे की मदद करना धर्म है, लिहाजा वे अपना धर्म निभा रहे हैं और इसे किसी को बताने और प्रचारित करने की जरूरत क्या है।