भोपाल-
राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का गठन करने वाले हैं। दरअसल 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने अकेले ही शपथ ली थी और उस समय उसका कारण यह बताया गया था कि कोरोना संक्रमण से निपटना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
अब लाकडाउन के प्रथम चरण के 21 दिन पूरे होने वाले हैं और द्वितीय चरण लॉक डाउन पर भी आम सहमति बन गई है। समझा जा रहा है कि अब शिवराज मंत्रिमंडल का गठन कर देंगे क्योंकि 15 अप्रैल से मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीदी भी शुरू होने वाली है और ऐसे में जनप्रतिनिधियों का सक्रिय होना बेहद जरूरी है। कांग्रेस भी लगातार आरोप लगाती रही है कि कोरोना की इस महामारी के समय प्रदेश में ना तो स्वास्थ्य मंत्री है ना गृह मंत्री और ना ही खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री ।इसके चलते अब शिवराज पहले चरण में लगभग 25 से 28 लोगों को मंत्री बना सकते हैं। इन मंत्रियों को कोरोना वायरस स्क्रमित जिलो की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है और वही जाकर कोरोना की स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए कहा जा सकता है।
कांग्रेस बार बार उठा रही थी सवाल
बता दे कि बीजेपी के सत्ता मे आने के बाद से ही कांग्रेस मंत्रिमंडल गठन को लेकर सवाल उठा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि कोरोना से मप्र में मौतें हो रही हैं,और यहां एक पूरी सरकार तक नहीं। शिवराज ही मुख्यमंत्री,शिवराज ही स्वास्थ्य मंत्री,शिवराज ही गृह मंत्री, शिवराज ही पूरी कैबिनेट शिवराज ही रणनीतिकार,शिवराज ही पूरी सरकार। मोदी जी,संकट की घड़ी में जनता से किस बात का बदला ले रही है।यहां तक की सोशल मीडिया पर शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल रखा है, आए दिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सवाल ख़ड़े किए जा रहे है, ऐसे में लगातार बढ़ते दवाब के चलते मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है शिवराज 15 अप्रैल तक विस्तार कर सकते है।
इनकों मिल सकती है जगह
माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के अधिकतम 35 सदस्यों में से प्रथम चरण में लगभग 30 मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। इनमें पहले दस स्थान सिंधिया समर्थक विधायकों के लिए तय है जिनमें प्रभु राम चौधरी, तुलसीराम सिलावट ,गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, महेन्द्र सिसोदिया और प्रधुम्न सिंह तोमर शामिल है।इसके अलावा सिंधिया के एक अन्य समर्थक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी ।बिसाहू लाल सिंह ,एन्दल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग का भी मंत्री बनना तय है। शेष बचे 20 स्थानों पर भाजपा के कई कद्दावर नेताओं के लिए स्थान सुरक्षित माने जा रहे हैं जिनमें नरोत्तम मिश्रा भूपेंद्र सिंह ,गोपाल भार्गव, सीताशरण शर्मा, रामपाल सिंह राजेंद्र शुक्ला, केदारनाथ शुक्ला, कुंवर विजय शाह, जगदीश देवड़ा, यशपाल सिंह सिसोदिया, ओमप्रकाश सकलेचा, रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, नीना वर्मा ,मीना सिंह, संजय पाठक ,नारायण त्रिपाठी, अजय विश्नोई, हरिशंकर खटीक ,गौरीशंकर बिसेन, नागेंद्र सिंह, विजेंद्र प्रताप सिंह जैसे कद्दावर नेता शामिल है। इसके अलावा भिंड के अटेर के अरविंद सिंह भदोरिया भी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान होने के कारण प्रबलतम के दावेदार हैं। इसके चलते यह साफ लगता है कि सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा के राजेश शुक्ला और बसपा के संजीव सिंह कुशवाह व रामबाई व चारों निर्दलीयों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया जाएगा। इन निर्दलीयों में से एक प्रदीप जायसवाल पिछली सरकार में मंत्री थे और दोबारा मंत्री बनने की प्रत्याशा में ही उन्होंने अपना समर्थन शिवराज सरकार को दिया था।