नई दिल्ली, 10 अप्रैल – तबलीगी तमाशे में कथित रूप से फरार चल रहे निजामुद्दीन बस्ती स्थित मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय प्रमुख मौलाना साद कांधलवी जाकिर नगर में ‘होम कोरोंटाइन’ है। यह मकान मौलाना साद के एक करीबी रिश्तेदार का है। मौलाना साद मीडिया से कतई नहीं मिलना चाहते हैं। पुलिस जब चाहे या पुलिस को जब जरुरत महसूस हो तब मौलाना साद क्राइम ब्रांच से मिल लेंगे। मौलाना ने दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच से मरकज मुख्यालय में ही मिलने की इच्छा जाहिर की है। क्योंकि जांच से संबंधित तमाम कागजात और मौलाना के सिपहसालार जमात मुख्यालय में एक ही जगह पर मिल जायेंगे।
यह तमाम बातें मौलाना साद के साथ मुकदमे में नामजद बाकी आरोपियों में से कुछ ने दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम को बताई हैं। मौलाना साद की ओर से गुरुवार को यही बयान बेटे सईद की ओर से अपराध शाखा को दिया गया है। इन तथ्यों में से कई की पुष्टि दिल्ली पुलिस अपराध शाखा टीम के कुछ सदस्यों ने भी पहचान उजागर न करने की शर्त पर शुक्रवार को आईएएनएस से की।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा टीम के कुछ सदस्यों और मौलाना साद के बेहद करीबियों के मुताबिक, मौलाना साद अमूमन रिश्तेदारियों में आने-जाने से परहेज करते हैं। दिल्ली में उनके रहने का उनका अपना कोई निजी ठिकाना भी सिवाय मरकज मुख्यालय के और कोई दूसरा नहीं है। चूंकि इस वक्त कोरोना की समस्या है। कई तबलीगी मेडिकल जांच में कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसीलिए मौलाना साद ने भी खुद को दिल्ली के जाकिर नगर इलाके में अपने एक करीबी के घर में मजबूरी में होम कोरोंटाइन किया हुआ है।
मौलाना साद कांधलवी के बेहद करीबी के मुताबिक, मौलाना साद फिलहाल सिर्फ और सिर्फ जाकिर नगर में ही रह रहे हैं। जाकिर नगर में किस जगह हैं? इसका पता मौलाना साद के बेटों युसुफ और सईद या फिर कुछ और परिवार के सदस्यों को ही मालूम है।
मौलाना साद अगर अपनी जगह सही हैं तो फिर वे खुलकर सामने आने में इतना वक्त क्यों लगा रहे है? यहां तक की मीडिया ने मौलाना मो। साद को अब कथित रुप से फरार तक लिख दिया है।
आईएएनएस के इस सवाल के जबाब में शुक्रवार को मौलाना साद के करीबी रहे शख्स ने कहा, जांच चूंकि मीडिया नहीं कर रहा है। जांच एजेंसी दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच है। क्राइम ब्रांच से मौलाना साद लगातार संपर्क में हैं। अगर मौलाना साद कानून से बचकर भाग रहे होते तो फिर, उनका बेटा सईद बृहस्पतिवार को भला क्राइम ब्रांच से खुद क्यों मिलने जाता?
मौलाना मो। साद कांधलवी के इसी करीबी और विश्वासपात्र के मुताबिक, मेरी जानकारी के मुताबिक मौलाना साहब का बेटा सईद कल (गुरुवार को) ही क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा। उसने मौलाना के बारे में तफसील (डिटेल) से सबकुछ जांच अफसर को बताया। मौलाना ने पुलिस के जिस दूसरे नोटिस का जबाब भिजवाया उसमें भी मौलाना ने अपने हालिया पते (जाकिर नगर)का हवाला दिया है। ऐसे में मौलाना गायब कैसे हो गये? हां यह जरुर है कि, मौलाना ने बेटे के जरिये पुलिस से गुजारिश की है कि, जांच अगर जमात हेडक्वार्टर में ही कर ली जाये। तो तमाम लोगों के बयान और तमाम संबंधित कागजात एक ही जगह मिल जायेंगे।
जब मौलाना साद के बेटे नोटिस का जबाब देने क्राइम ब्रांच की टीम को गये तो पुलिस ने उनसे क्या कहा? पूछने पर मौलाना के बेहद करीबी इसी शख्स ने ईएएनएस से कहा, यह कोई नई बात नहीं है कि, मौलाना का बेटा पुलिस से इस दौरान पहली बार मिला हो। मिलने को तो वे तमाम लोग भी क्राइम ब्रांच की टीम से मिल चुके हैं जो मुकदमे में नामजद किये गये है। अपराध शाखा के ही अफसरों ने कहा है कि, ठीक है हमें जब जरुरत होगी तो हम मौलाना साद और बाकी नामजदों को खुद बुला लेंगे।
आईएएनएस के पास मौजूद इन तमाम सनसनीखेज खुलासों पर मामले की जांच कर रही अपराधा शाखा डीसीपी ज्वाय टिर्की से लेकर एसीपी अरिवंद तक कोई भी खुलकर बोलने को राजी नहीं है। हाँ, क्राइम ब्रांच की टीम के ही जिम्मेदार सदस्यों में से कुछ ने कहा, मौलाना साद का पता ठिकाना उनके द्वारा ही उपलब्ध करा दिया गया है। हमारे नोटिस के जबाब मिल गये हैं। जरुरत के हिसाब से कभी भी आरोपियों को बुलाकर पूछताछ शुरू कर दी जाये। हमने सभी आरोपियों को दिल्ली में ही रहने को कहा है। सभी के नाम पते ठिकाने हमारे पास हैं। अभी हमें फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की कुछ रिपोर्ट्स का इंतजार है। साथ ही कुछ मोबाइल नंबरों की सीडीआर क्रॉस-कनेंटिंग का काम किया जा रहा है।
मरकज मुख्यालय से छापे के दौरान लैपटाप्स के साथ अपराध शाखा के हाथ क्या कुछ लगा? पूछे जाने पर अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, लैपटॉप नहीं मिला है। हमने अभी कुछ कागजी दस्तावेज लिये हैं। कई विजिटर रजिस्टर मिले हैं। साथ ही वो वीडियो भी फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री भेजी है, जिसमें जमात के कर्ताधतार्ओं को एसएचओ निजामुद्दीन चेतावनी देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
तबलीगी मामले में और किन किन लोगों से पूछताछ होगी? पूछे जाने पर अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, लिस्ट बहुत लंबी है। मौलाना साद अपना जबाब भिजवा चुके हैं। साथ ही हम सबसे पहले स्थानीय सरकारी निकाय, इलाका एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अफसरों कर्मचारियों के बयान भी दर्ज कर रहे हैं। ताकि उसी आधार पर मुकदमे में नामजद आरोपियों से पूछताछ संभव हो सके।