बोकारो (झारखंड), 9 मार्च- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बोकारो में 40 साल के एक व्यक्ति की कथित रूप से भूख से मौत की खबरें आने पर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। बोकारो में 6 मार्च को 42 साल के एक व्यक्ति की कथित तौर पर कई दिनों से खाना न मिलने के कारण मौत हो गई। मृतक का नाम भूखल घासी था। गिरिडीह के विधायक सुधीर कुमार के ट्वीट करने पर मुख्यमंत्री को इस घटना की जानकारी मिली। इसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हरकत में आ गए और उन्होंने तुरंत इसकी जांच कराए जाने के निर्देश जारी किए।
इसके बाद अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह से लेकर डीसी, एसडीओ और अन्य अधिकारी मृतक के घर पहुंचे।
भूखल घासी के परिवार का दावा है कि उनके घर में कई दिनों से खाना नहीं था। खाना न मिलने से भूखल की मौत हो गई। लेकिन बोकारो प्रशासन कुछ और ही दावे कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि भूखल की मौत भूख से नहीं, बल्कि बीमारी से हुई है। वह कई महीनों से बीमार था। भूखल घासी के परिवार के पास न ही राशन कार्ड था और न ही आयुष्मान कार्ड।
भूखल की पत्नी रेखा देवी ने बताया कि पिछले कई दिनों से उनके घर में खाने के लिए कुछ नहीं था। रेखा के दावे को गलत बताते हुए बोकारो जिले के आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा, “भूखल रक्तहीनता से पीड़ित था और डॉक्टरों की निगरानी में था। वह बेंगलुरू में काम करता था और बीमार पड़ने के बाद 6 महीने पहले ही लौटा था। भूखल की मौत बीमारी से हुई है।”
आयुक्त ने कहा, “भूखल का पूरा परिवार रक्तहीनता की बीमारी से ग्रसित है। स्थानीय बीडीओ को निर्देश दिए गए हैं कि उसके परिवार को तत्काल विधवाओं के लिए भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत लाभ दिया जाए। भूखल की पत्नी भी गंभीर रूप से बीमार है। उसका सरकारी फंड से इलाज कराया जाएगा।”
इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ट्विटर के जरिए अधिकारियों को पीड़ित परिवार की मदद के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद अधिकारी हरकत में आए और जिले के डिप्टी कमिश्नर अपनी टीम के साथ भूखल घासी के गांव पहुंचे।