रायपुर-छत्तीसगढ़ सरकार भी अब प्रदेश में ‘केजरीवाल मॉडल’ अपनाने जा रही है। दिल्ली में चल रहे मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर प्रदेश के 13 नगर निगमों के स्लम एरिया में निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं देने का ऐलान बजट में मुख्यमंत्री बघेल ने किया है।
इसके लिए ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’ की शुरुआत की जा रही है। हालांकि सरकार की ओर से इसके लिए अभी बजट में फंड आवंटित नहीं किया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि हेल्थ से जुड़ी अन्य योजनाओं के फंड से ही इस योजना को शुरू किया जाएगा।
बजट भाषण की शुरुआत में ही बघेल ने इसे गांव, किसान, युवा और स्वास्थ्य के लिए संजीवनी बताया था। बजट में इसी के तहत फिलहाल 688 करोड़ रुपए से हेल्थ के लिए कुछ सेवाओं का प्रावधान किया गया है। शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत उन इलाकों में रहने वाले लोगों को चिकित्सा परामर्श, पैथालाॅजी टेस्ट और दवाईयां निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
वहीं आदिवासी अंचलों में चल रहे हाट बाजार क्लिनिक योजना के लिए भी 13 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य सिकलसेल संस्थान में हाईटेक लैब और सभी जिला अस्पतालों में सिकलसेल यूनिट खोली जाएगी। वहीं मेडिकल कॉलेजों में उपकरण व स्किल लैब के लिए 75 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए 20 लाख रुपए तक की मदद
मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के तहत बजट में 50 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। इस विशेष योजना के तहत गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जरूरतमंदों को 20 लाख रुपए तक की मदद दी जा सकेगी।
वहीं डाॅ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 550 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके तहत बीपीएल परिवार को 5 लाख और एपीएल को 50 हजार तक कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। खास बात यह है कि इसका फायदा 65 लाख परिवारों को सिर्फ राशनकार्ड से मिल सकेगा।