नई दिल्ली, 3 मार्च – संसद सत्र के दूसरे भाग की हंगामेदार शुरुआत हो चुकी है। सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुका है। पहले दिन विपक्ष सत्तापक्ष पर हमलावर रहा। विपक्ष लगातार लोकसभा और राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर बहस और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर अड़ा रहा। दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने दिल्ली हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। दिल्ली में हुई हिंसा के लिए आजाद ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। आजाद ने कहा, “भड़काऊ भाषण देने का काम भाजपा के नेताओं ने किया है, जिससे माहौल खराब हुआ। संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए आजाद ने कहा कि दिल्ली दंगों के पीछे केंद्र सरकार खुद थी।”
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने सरकार से संसद में बहस कराने की मांग की। विपक्ष के कई सांसदों ने कहा कि इस समय इससे बड़ा कोई मुद्दा नहीं है। लिहाजा, सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष के कई सांसदों ने दोनों सदनों में कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया था।
लेकिन सरकार ने विपक्ष की मांग को ठुकराते हुए कहा कि गृहमंत्री के इस्तीफे का तो सवाल ही नहीं उठता। इस मुद्दे पर भाजपा प्रवक्ता और सांसद जीवीएल नरसिंहा राव ने साफ कहा कि दिल्ली हिंसा पर सरकार बहस करने को तैयार है, लेकिन विपक्ष को सरकार की बात सुननी होगी। राव के मुताबिक, “हम संसद को सड़क की तरह विपक्ष की बंधक बना देना नहीं चाहते।”
जाहिर है, सरकार का रुख साफ है कि विपक्ष के हमले का जबाव आक्रामक रूप से देना है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने तय किया है कि अगर सदन में दिल्ली हिंसा पर चर्चा हुई, तो सरकार दिल्ली हिंसा को विपक्ष द्वारा प्रायोजित करार देगी और विपक्ष के इशारे पर उकसाने वाली कारवाई करार देगी। हालांकि इस मुद्दे पर मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक होगी, जिसमें इस मुद्दे पर अंतिम रणनीति बनाई जाएगी।
इससे पहले सोमवार को संसद के दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा हुआ। हंगामे की वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित भी करनी पड़ी। बाद में दोपहर दो बजे जब फिर कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा।
दोनों ही सदनों को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। हंगामे के दौरान ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ के भी नारे लगे। लोकसभा में कुछ सांसद बैनर लेकर वेल तक पहुंच गए। इस दौरान भाजपा और कांग्रेस सांसदों में धक्का-मुक्की भी हुई।