जयपुर- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां शनिवार को कहा कि पार्टी बदलना संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, इस प्रवृत्ति को रोका जाना चाहिए।
संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका के बाबत चर्चा के लिए आयोजित एक कार्यशाला में गहलोत ने कहा, “अगर कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि पार्टी बदल लेता है तो उसकी सदस्यता खत्म कर दी जानी चाहिए।”
सन् 1985 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, 52वां संशोधन कर दलबदल विरोधी कानून लाया गया था और संविधान की 10वीं अनुसूची में इसे जोड़ा गया था। लंबे अरसे तक पार्टी बदलने की घटनाएं थम गई थीं।
भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग में पारदर्शिता पर जोर देते हुए गहलोत ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को जो धन प्राप्त होता है, वह ‘कालेधन के रूप में’ आता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए पार्टियों को दान लेने में पारदर्शी तरीका अपनाना चाहिए।