पटना, 22 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल (युनाइटेड) में गुटबाजी सामने आने लगी है और इसकी एक झलक मंत्री श्याम रजक के सरकारी आवास पर बुधवार की रात आयोजित भोज के दौरान देखने को मिली। भोज में अन्य मंत्रियों के बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समर्थक माने जाने वाले कई मंत्री नदारद रहे।
पटना, 22 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल (युनाइटेड) में गुटबाजी सामने आने लगी है और इसकी एक झलक मंत्री श्याम रजक के सरकारी आवास पर बुधवार की रात आयोजित भोज के दौरान देखने को मिली। भोज में अन्य मंत्रियों के बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के समर्थक माने जाने वाले कई मंत्री नदारद रहे।
देर रात तक चली इस दावत में मंत्री रामधनी सिंह, श्रवण कुमार, जय कुमार सिंह, शाहिद अली खान, ललन सिंह, लेसी सिंह, जय कुमार सिंह, जितेंद्र प्रसाद यादव सहित 10 से अधिक नेता मौजूद थे, लेकिन मांझी की सार्वजनिक रूप से तरफदारी करने वाले मंत्री नरेंद्र सिंह, वृषिण पटेल और नीतीश मिश्र नहीं देखे गए।
वरिष्ठ मंत्री नरेंद्र सिंह ने इस मुद्दे पर आईएएनएस से कहा, “इस भोज के लिए मुझे निमंत्रण नहीं मिला था। ऐसा कदम दल को तोड़ने वाला है।”
इधर, वृषिण पटेल ने साफ तौर पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारों ही इशारों में उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति निश्चित चीज को छोड़कर अनिश्चित की ओर चलता है, उसका निश्चित भी समाप्त हो जाता है।”
इधर, इस भोज को सियासी हलचल से जोड़ने पर रजक कहते हैं, “सभी मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थक हैं। यह दावत पूरी तरह व्यक्तिगत थी। मैंने जिन मंत्रियों को भोज पर आमंत्रित किया था, वे आए। कई मंत्री जो बाहर थे, वे इसमें शामिल नहीं हो पाए।”
रजक इस दावत को राजनीति से न जोड़कर देखने की सलाह देते हुए कहते हैं, “हमारे नेता नीतीश कुमार हैं और हम सभी मांझी मंत्रिमंडल के सदस्य हैं। मंत्री नीतीश मिश्रा किसी भी तरह के निमंत्रण को स्वीकार नहीं करते हैं।”
इधर, दावत में शामिल एक अन्य मंत्री ललन सिंह कहते हैं कि जब पांच नेता एक साथ बैठेंगे तो राजनीति की बात तो होगी ही।
अनायास इस दावत के आयोजन के दौरान हुई गतिविधियों ने जनता दल (यू) में खेमेबंदी को बल दिया है।
उल्लेखनीय है कि जद (यू) के प्रवक्ता अजय आलोक ने दो दिन पूर्व वृषिण पटेल, नीतीश मिश्रा और नरेंद्र सिंह के विषय में कहा था कि ये सभी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने की तैयारी में हैं और बेहतर यह होगा कि ये बिना देर किए उधर चले जाएं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।