रांची, 1 फरवरी- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोकसभा में शनिवार को पेश किए गए आम बजट को आम लोगों की उम्मीदों के विपरीत बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट गरीब, किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों और युवाओं को हताश करने वाला है। इसमें को ‘विजन’ नहीं है। मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि इस बजट का आकलन तो बाद की बात है, मगर पहली नजर में इस बजट में विजन (दृष्टि) का पूरी तरह अभाव है। इसमें न तो दिशा दिखती है और न ही दृष्टि कि कैसे देश और देशवासियों को प्रगति के रास्ते पर आगे ले जाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह बजट पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखकर लाया गया है, बड़े उद्योगपति जो टैक्स चोरी करते हैं, उन्हें बजट के जरिए राहत देने की कोशिश की गई है। अब उन्हें टैक्स चोरी पकड़े जाने परे न तो ब्याज देना होगा और न ही पेनाल्टी लगेगी।”
उन्होंने हालांकि कहा कि मध्यम वर्ग को आयकर में मामूली राहत दी गई है। आम लोगों ने आयकर के स्लैब में जिस छूट की उम्मीद की थी, उसे बजट में दरकिनार कर दिया गया है। बजट में ज्यादा से ज्यादा सरकारी संपत्तियों का निजीकरण किए जाने को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री से मिलकर झारखंड में ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने की मांग रखी थी। लेकिन, आज पेश किए गए बजट में रांची में ट्राइबल म्यूजियम खोलने की बात है। इस तरह इस बजट में झारखंड की बहुप्रतीक्षित मांग भी पूरी नहीं की गई और यहां के आदिवासियों के साथ एक बार फिर धोखा किया गया।”