नई दिल्ली, 31 जनवरी –र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास गुरुवार को हुई गोलीबारी की घटना को दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं और मंत्रियों के ‘नफरत फैलाने वाले भाषणों’ का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि यह समाज गृहयुद्ध जैसे हालात की ओर बढ़ रहा है। समय रहते कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर उन्होंने दिल्ली पुलिस की भी आलोचना की।
येचुरी ने शुक्रवार को संसद परिसर में आईएएनएस से बातचीत में कहा, “कल (गुरुवार) हमने देखा कि एक युवक पिस्टल के साथ पुलिस बेरिकेडिंग को पार करते हुए छात्रों की ओर बढ़ा और उसने पुलिस के सामने ही उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। पुलिस सब कुछ देख रही थी, मगर उन्होंने कुछ नहीं किया।”
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद भवन परिसर में येचुरी ने कहा, “समाज गृहयुद्ध जैसे हालात की तरफ बढ़ रहा है और इसके लिए सिर्फ सरकार जिम्मेदार है।”
येचुरी ने कहा कि छह हफ्तों से ज्यादा समय हो गए, सरकार ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत का अभी तक कोई संकेत नहीं दिया है। इसके उलट वह हिंसा का सहारा ले रही है।
बजट सत्र के पहले दिन, संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान सीएए का विरोध करते हुए कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों के सदस्य बांह पर काली पट्टी बांधकर पीछे की सीटों पर बैठे और नारेबाजी करते रहे। बाद में उन्होंने संसद भवन के बाहर हाथ में मांग लिखी तख्तियां लेकर राष्ट्रपिता की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया।