नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था में जारी नरमी के कारण चालू वित्त वर्ष में कर से प्राप्त राजस्व लक्ष्य की तुलना में दो लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है. इसके कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास बजट में व्यक्तिगत आयकर में कटौती के विकल्प सीमित हो गये हैं. मामले से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े सूत्रों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत आयकर तथा कॉरपोरेट आयकर से प्राप्त राजस्व लक्ष्य की तुलना में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है. इसके अलावा अर्थव्यवस्था में जारी नरमी के कारण माल एवं सेवा कर (राजस्व) से प्राप्त अप्रत्यक्ष कर राजस्व भी लक्ष्य से 50 हजार करोड़ रुपये कम रह सकता है.
वहीँ आम बजट पेश होने से एक हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि ,नागरिकों पर टैक्स का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए. टैक्स चोरी करना देश के बाकी नागरिकों के साथ सामाजिक अन्याय है. लेकिन अगर सरकार मनमाने तरीके से या अत्यधिक टैक्स लगाती है तो ये भी खुद सरकार द्वारा सामाजिक अन्याय होगा.