इंदौर, 26 जनवरी – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को कहा है कि उनकी सरकार का जोर राज्य के किसानों, गरीबों और युवाओं की स्थिति में बदलाव लाने पर है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं और यह क्रम आगे भी बना रहेगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यहां नेहरू स्टेडियम में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में रविवार को ध्वजारोहण किया और अपनी सरकार के एक साल का ब्यौरा देने के साथ आगामी रोडमैप की भी चर्चा की।
उन्होंने कहा, “एक साल पहले राज्य की जनता ने विश्वास के साथ जनादेश दिया, जिस पर खरा उतरने के लिए सरकार ने ईमानदारी से प्रयास किए हैं। पिछली सरकार ने खाली खजाना दिया था, वहीं जीएसटी के कारण भारत सरकार से भी राज्य सरकार को मिलने वाली राशि में भी कमी हुई।”
मुाख्यमंत्री कमलनाथ ने बीते एक साल की अवधि के दौरान किए गए कामों का ब्यौरा देते हुए बताया, “बीते समय में सरकार ने अपने 365 वचनों को पूरा किया है। यह साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का वर्ष है। महात्मा गांधी ने कहा था कि ‘जब भी हमें अपने काम पर संदेह हो तो उसे उस कसौटी पर आजमाना चाहिए कि गरीब और कमजोर वर्ग को उससे कोई लाभ हो रहा है कि नहीं। हमारे काम का मतलब तभी है जब समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभ हो’। गांधीजी की इसी भावना को साकार करने सरकार ने विजन-टू-डिलीवरी रोडमैप बनाया है। इसके जरिए वर्ष 2025 तक मध्य प्रदेश को देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में से एक बनाना है।”
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए राज्य सरकार के कायरें का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा, “राज्य में अब तक 20 लाख किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है। बीते एक साल में इन किसानों के दो लाख रुपये तक के कालातीत फसल ऋण और 50 हजार तक के चालू फसल ऋण माफ हुए हैं। दूसरा चरण शुरू हो चुका है, जिसमें एक लाख रुपये तक के चालू फसल ऋण और दो लाख रुपये तक के कालातीत फसल ऋण की माफी होगी। वहीं किसानों को फसल का उचित दाम मिले, इसके प्रयास जारी हैं। राज्य में भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नई योजना ‘भविष्य’ शुरू की जा रही है। सिंचाई क्षमता बढ़ाने का भी लक्ष्य तय किया गया है। किसानों के बिजली बिल को आधा किया था। इसी तरह घरेलू उपभोक्ता को प्रति माह 100 रुपये में 100 यूनिट देने का वादा पूरा किया है।”
रोजगार अवसर बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का ब्यौरा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। ज्यादा से ज्यादा निवेश के प्रयास किए जा रहे हैं। नए उद्योगों में स्थानीय युवाओं के लिए 70 प्रतिशत रोजगार को अनिवार्य किया जा रहा है। उद्योग आसानी से लगें, इसके लिए नया कानून लाया जा रहा है। सभी तरह की अनुमतियां अधिकतम सात दिन में मिलेंगी।”
युवाओं के कौशल विकास को जरूरी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “सिंगापुर की मदद से ग्लोबल स्किल पार्क स्थापना किया जा रहा है। इसके साथ ही संभागीय मुख्यालयों में स्थित आईटीआई संस्थानों को मेगा आईटीआई बनाया जा रहा है। इससे युवाओं को प्रशिक्षण के नए अवसर मिलेंगे जो उन्हें बेहतर रोजगार दिलाएंगे।”
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर जोर देते हुए मुख्मयंत्री ने कहा, “हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण क्षेत्र का बड़ा अंशदान है। इसलिए ग्रामीण विकास पर और ध्यान देना जरूरी है। विजन-टू-डिलीवरी रोडमैप में इस बात की परिकल्पना की है कि प्रत्येक गांव में सड़क, बिजली और ब्रॉडबैंड यानी इंटरनेट सुविधा दी जाएगी। सामूहिक नल-जल योजना के माध्यम से पानी दिया जाएगा।”
आवास की समस्या के लिए निदान के लिए सरकार के रोडमैप की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य में बड़ी संख्या में आवासहीन लोग हैं। इसके लिए राज्य में मुख्यमंत्री आवास मिशन शुरू किया गया है। प्रयास होगा कि ग्रामीण क्षेत्रों के 40 लाख आवासहीन परिवारों को आवास की व्यवस्था की जाए।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए राज्य में 21 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के लिए शिक्षाविदों के परिषद का गठन किया जा रहा है। कर्मचारियों की लंबित समस्याओं के हल के लिए कर्मचारी आयोग की स्थापना की गई है। पानी के अधिकार का कानून लाया जा रहा है। वहीं गोशाला को चारा-भूसा का रोजाना अनुदान तीन रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति गोवंश किया गया है।”