लखनऊ , 21 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को राज्यपाल राम नाईक की सलाह पसंद नहीं आई है। इसका खुलासा राज्यपाल नाइक ने बुधवार को 6 महीने का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते समय किया। नाइक ने कहा कि उप्र के मुख्यमंत्री राज्य का स्थापना दिवस मनाने के पक्ष में नहीं हैं।
राज्यपाल ने बुधवार को राजभवन में छह महीने का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। इस दौरान कई मुद्दों पर विचार व्यक्त किये और छह महीने के दौरान उप्र में खुद के द्वारा किए गए कार्यो का लेखा जोखा प्रस्तुत किया।
राज्य के स्थापना दिवस के बारे में राज्यपाल ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री से यह अनुरोध किया था कि 24 जनवरी को उप्र का स्थापना दिवस मनाया जाना चाहिए। मेरी यह सलाह उनको पसंद नहीं आई है।”
नाइक ने हालांकि कहा कि उप्र के स्थापना दिवस से एक दिन पहले 23 जनवरी को मुम्बई में रहेंगे, वह उप्र स्थापना दिवस को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि 24 जनवरी को वह उप्र में ही अन्य संगठनों की ओर से इस मौके पर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम में शरीक होंगे।
इस दौरान राज्यपाल ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि कुछ पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद-विधायक द्वारा अशोक चिन्ह का दुरूपयोग किया जा रहा है। इसे रोका जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2012 में चुनकर आए बहुजन समाज पार्टी के विधायक उमाशंकर सिंह और भारतीय जनता पार्टी के विधायक बजरंग बहादुर सिंह को सरकारी ठेके लेने के आरोप में दोषी घोषित करते हुए लोकायुक्त एन के मेहरोत्रा ने उनकी सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की थी।
नाइक ने इस दौरान साफतौर पर कहा कि इनकी सदस्यता समाप्त करने की संस्तुति निर्वाचन आयोग ने भेजी है। 16 जनवरी को दोनों सदस्यों ने भी अपना पक्ष रखा है। इस पर अंतिम फैसला कानूनी आधार पर जल्द ही लिया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।