चंडीगढ़, 21 जनवरी (आईएएनएस)। बेटियों के हक में राष्ट्रव्यापी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा का चुनाव किया है। खराब लिंगानुपात को ध्यान में रखते हुए बालिका भ्रूण हत्या के खिलाफ शुरू होने वाले यह अभियान हरियाणा के लिए गौरव की बात नहीं है।
बालिकाओं की सुरक्षा और शिक्षा, सिंकुड़ते लिंगानुपात, बालिका भ्रूण हत्या पर रोक और महिलाओं की अधिकारिकता पर लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए मोदी गुरुवार को पानीपत शहर से अभियान की शुरुआत करेंगे।
हरियाणा देश का एक ऐसा राज्य है जहां सबसे खराब लिंगानुपात (प्रति एक हजार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या) है। राज्य में बालक के मुकाबले बालिकाओं की भी संख्या खराब है और इस मोर्चे पर बुरे रिकार्ड को देखते हुए हरियाणा का चुनाव किया गया है। देश के 15 जिले ऐसे हैं जहां जहां लिंगानुपात बेहद खराब हैं जिनमें से नौ अकेले हरियाणा के हैं। इस बात का उल्लेख मोदी पूर्व में कर चुके हैं।
असल में लिंगानुपात के लिहाज से 100 खराब जिलों में हरियाणा के 12 जिले शामिल हैं जबकि पड़ोसी पंजाब के 11 जिले आते हैं। देश के यही दो राज्य ऐसे हैं जिनकी स्थिति इस मामले में बुरी है। दोनों राज्यों के 23 जिलों के साथ इनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ भी सूची में ही शामिल है।
उत्तर के पांच राज्यों जम्मू एवं कश्मीर (पांच जिले), उत्तराखंड (दो) और हिमाचल प्रदेश (एक) और केंद्रशासित क्षेत्र (चंडीगढ़) देश में 32 खराब जिलों में गिने जाते हैं।
हरियाणा में प्रति 1000 पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 879 है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बालिका लिंगानुपात (सीएसआर) में गिरावट की प्रवृत्ति बनी हुई है। बच्चों में 0-6 वर्ष की उम्र के बीच प्रति 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 1961 से निरंतर बनी रही। 1991 में इस अनुपात में लड़कियों की संख्या 945 से गिरकर 2001 में 927 हो गई और 2011 में 918 पर पहुंच गई।
हरियाणा एवं पंजाब में गर्भस्थ शिशु के लिंग परीक्षण के लिए जांच कराने का खतरनाक खेल चलता है।
21 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में सीएसआर में खराब स्थिति बरकरार है।
सकारात्मक पक्ष में हालांकि 11 राज्य और 2 केंद्र शासित राज्यों में बीते दशक में सीएसआर की स्थिति में सुधार देखा गया है।
देश में 640 जिले में से 429 जिलों में सीएसआर में गिरावट हुई है।
सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां कहा, “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना एक राष्ट्रीय अभियान के जरिए लागू की जाएगी और 100 चुने हुए जिलों में बहु-क्षेत्रीय कार्रवाई केंद्रित रहेगी। सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को शामिल किया जाएगा।”
इंडो-एशियन न्यूज एजेंसी।