ब्रसेल्स, 21 जनवरी (आईएएनएस)। यूरोपीय संसद द्वारा अनुमोदित एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों में लैंगिक समानता में साल 2009 से लेकर अब तक बेहद धीमी गति से प्रगति हुई है।
यूरोपीय संसद में समाजवादियों और डेमोक्रेट्स के प्रगतिशील गठबंधन के सदस्य मार्क ताराबेला ने कहा, “प्रगति हुई है, लेकिन बहुत धीमी गति से। यदि यह इसी तरह से जारी रही, तो हम 2084 के पहले लैंगिक भेदभाव की खाई को नहीं भर पाएंगे।”
ताराबेला ने कहा कि पांच वर्ष पहले आई इसकी अंतिम रिपोर्ट में यूरोप में महिला रोजगार की दर 60 फीसदी थी, जो बढ़कर अब 63 फीसदी हो गई है। यह पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने कहा, “हमें नौकरी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि अधिकांश महिलाएं असुरक्षित या पार्ट टाइम नौकरियां कर रही हैं या अस्थायी अनुबंध पर हैं।”
ताराबेला ने कहा कि मुद्दे का समाधान व महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लैंगिक समानता अधिकारों की समानता है। पुरुष और महिला कभी समान नहीं हो सकते, लेकिन दोनों के अधिकार तो समान हो सकते हैं।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।