नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय में मंगलवार को एक याचिका दायर कर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की चल रही जांच में हस्तक्षेप की मांग की गई है।
गैर सरकारी संगठन ‘एंटी करप्शन फ्रंट’ की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि जांच में संलिप्त एजेंसी का रवैया पक्षपातपूर्ण है, इसीलिए मामले में कोई सकारात्मक प्रगति नहीं देखने को मिल रही है। अत: इन परिस्थितियों में न्यायालय के पास जारी जांच में हस्तक्षेप करने के पर्याप्त कारण मौजूद हैं।
गैर सरकारी संगठन की ओर से याचिका दायर करने वाले वकील दीपक प्रकाश और सुभाष चंद्र ने न्यायालय से कहा कि पुलिस ने इस मामले में घटना के पूरे एक वर्ष बाद प्राथमिकी दर्ज की, जबकि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी सं™ोय अपराध से जुड़ी जानकारी मिलने के बाद पुलिस को बिना किसी विलंब के प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए।
याचिका में कहा गया है, “इस मामले में पुलिस ने अपराध होने के पूरे 342 दिनों बाद प्राथमिकी दर्ज की।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।