नई दिल्ली, 27 अगस्त –भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये के लांभांश और अधिशेष हस्तांतरित किए जाने के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को भाजपा सरकार की आलोचना की और एक सप्ताह के अंदर अर्थव्यवस्था पर श्वेतपत्र जारी करने को कहा। पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, “भारत गहरे वित्तीय संकट में है। अर्थव्यवस्था जर्जर हालत में है। विकास के सभी संकेतक नीचे की तरफ है और भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) लगातार गिर रहा है।”
शर्मा ने कहा कि वित्तवर्ष 2018-19 की आखिरी तिमाही में जीडीपी की दर 5.8 फीसदी थी। लेकिन चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में इसके 5.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। ये आंकड़े 30 अगस्त को जारी किए गए थे। इनसे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था की हालत पिछले सात सालों में सबसे खराब है।
राज्यसभा में नेता विपक्ष शर्मा ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक 2 फीसदी पर तथा विनिर्माण का सूचकांक 1.2 फीसदी पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा, “भारत की मुद्रा रुपया 4 फीसदी गिर गया है और वर्तमान में एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा है।”
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी 8.2 फीसदी थी, जबकि वास्तव में यह 20 फीसदी से अधिक थी।
उन्होंने कहा, “कोई भी अर्थशास्त्री इसे सत्यापित कर सकता है। उद्योग खतरे में है, चाहे वह वाहन क्षेत्र हो या कोई अन्य क्षेत्र। लोगों को कर्ज नहीं मिल रहा है, इसलिए मांग कम है।”
सरकार की आलोचना करते हुए शर्मा ने कहा, “सरकार ने फैसला किया है कि आरबीआई का अधिशेष, जिसे कांटिजेंसी रिस्क बफर (सीआरबी) नाम से जाना जाता है। उसे सरकार को दे दिया जाए, जबकि कोई भी केंद्रीय बैंक अपने रिस्क बफर को सरकार के हवाले नहीं करती है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “लेकिन, आरबीआई ने (बिमल) जालान समिति की सिफारिशों पर एक बार में सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये देने का फैसला किया है।”
जालान ने पहले कहा था कि सरकार को रकम का हस्तांतरण 4-5 सालों की अवधि में किस्तों में करना चाहिए, जबकि इसे एक बार में दे दिया गया।
उन्होंने कहा, “यह पुष्टि करता है कि भारत गहरे आर्थिक और वित्तीय संकट में है।”