चंडीगढ़, 21 अगस्त (आईएएनएस)। हरयाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया।
पिछले दो दिनों में बारिश में कमी आने के कारण यमुना नदी का जल स्तर कम हुआ है। यमुना नदी के कारण यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों में बाढ़ आ गई है।
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुनानगर जिले में दर्जनभर जिलों में बाढ़ आ गई और धान, गन्ना और मक्के की हजारों एकड़ में फैली फसल डूब गई। यही स्थिति अन्य जिलों में है। फसल के नुकसान के मुआवजे के लिए किसान विशेष गिरदवारी की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन ने यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। यमुना नदी राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से पहले इन जिलों से गुजरती है।
मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने मंगलवार को कहा, “अभूतपूर्व रूप से हुई मूसलाधार बारिश के कारण यमुना का जल स्तर इस बार 8.28 लाख क्यूसेक के नए स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले 2013 में यह 8.14 क्यूसेक था।”
चंडीगढ़ में मौसम विभाग ने कहा कि पहाड़ी राज्यों- हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तथा हरयाणा में मानसून पिछले दो दिनों में कम हुआ है।