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 झाबुआ में बैल बन खेत जोतती है महिला | dharmpath.com

Monday , 25 November 2024

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झाबुआ में बैल बन खेत जोतती है महिला

झाबुआ, 29 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में एक महिला बैल की जगह अपने कंधे पर हल रखकर खेत जोतने के लिए मजबूर है। इस काम में वह अपनी बेटी की मदद लेती है। बैल के अभाव में खुद बैल का काम कर रही इस महिला की ओर अब प्रशासन का ध्यान गया है। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच करा रहा है।

मामला झाबुआ जिले के उमर कोट का है। यहां की राम ली के पास दो बीघा जमीन है। इस जमीन पर वह मूंगफली, मक्का, तोरई और मिर्ची उगाकर अपना और परिवार का उदर-पोषण करती है। बैल खरीदना उसके लिए संभव नहीं है, क्योंकि एक जोड़े बैल कम से कम 25 हजार रुपये में आएंगे और इतना पैसा उसके पास है नहीं। उसकी माली हालत किराए पर जोड़ा बैल लेने की भी नहीं है।

राम ली के पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं। एक बेटी 12 साल की है, जिसकी मदद वह खेत की जुताई में लेती है। राम ली का पति रतन गुजरात के भारोब में मजदूरी करता है।

जिलाधिकारी प्रबल सिपाहा ने आईएएनएस को बताया कि उनके सामने यह मामला आया है, जिसकी वह जांच करा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “प्रारंभिक तौर पर जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक महिला हल नहीं चला रही है। उसके हाथ में दूसरा औजार देखा गया है। जांच रिपोर्ट आने पर ही कहा जा सकेगा कि मामला क्या है।”

झाबुआ में बैल बन खेत जोतती है महिला Reviewed by on . झाबुआ, 29 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में एक महिला बैल की जगह अपने कंधे पर हल रखकर खेत जोतने के लिए मजबूर है। इस काम में वह अपनी बेटी झाबुआ, 29 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में एक महिला बैल की जगह अपने कंधे पर हल रखकर खेत जोतने के लिए मजबूर है। इस काम में वह अपनी बेटी Rating:
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