नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम 2005 में संशोधन करने के इच्छुक विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
सोनिया ने कहा कि सरकार आरटीआई कानून को बाधा के रूप में देखती है और मुख्य सूचना आयोग की स्वतंत्रता को नष्ट करना चाहती है।
एक बयान में सोनिया ने कहा, “यह बड़ी चिंता का विषय है कि केंद्र सरकार एतिहासिक आरटीआई एक्ट 2005 को कमजोर करना चाहती है, जिसे व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया और संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। अब यह एक्ट विलुप्त होने के कगार पर है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा, “यह बात साफ है कि वर्तमान की केंद्र सरकार आरटीआई एक्ट को एक बाधा के रूप में देखती है और केंद्रीय सूचना आयोग की स्वतंत्रता को नष्ट करना चाहती है, जिसे केंद्रीय चुनाव आयोग (सीईसी) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के साथ रखा गया था।”
इससे एक दिन पहले ही आरटीआई (संशोधित) विधेयक, 2019 को शुक्रवार को पेश किए जाने के तीन दिन बाद लोकसभा में पास कर दिया गया।
आरटीआई (संशोधन) विधेयक 2019 राज्यों और केंद्र में लैंडमार्क पारदर्शिता कानून और बाद में सूचना आयुक्तों (आईसीएस) के वेतन और कार्यकाल संरचनाओं में बदलाव करना चाहता है।
लोकसभा में पास होने के बाद, अब इसे राज्यसभा से मंजूरी की आवश्यकता है।
सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपने विधायी बहुमत का उपयोग कर सकती है, लेकिन इस प्रक्रिया में सरकार देश के प्रत्येक नागरिक की शक्ति को कम कर देगी।