चंडीगढ़, 14 जुलाई (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट साथी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद रविवार को उस समय और गहरा गया जब सिद्धू ने बिजली और नए और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया।
क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने अपने इस्तीफे में लिखा, “मैं पंजाब मंत्रिमंडल के मंत्री पद से इस्तीफा देता हूं।”
ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट करते हुए सिद्धू ने ट्वीट किया, “मेरा इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी के पास 10 जून 2019 को पहुंच गया था।”
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल द्वारा आईएएनएस को यह बताने के बाद कि मुख्यमंत्री कार्यालय को सिद्धू का इस्तीफा नहीं मिला है, सिद्धू ने ट्वीट किया, “पंजाब के मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेजूंगा।”
पंजाब सरकार में मंत्री तृप्ति राजेंद्र सिंह बाजवा ने कहा कि सिद्धू द्वारा मंत्रिमंडल से इस्तीफा सबसे पहले पार्टी अध्यक्ष को देना तकनीकी रूप से गलत है।
सिद्धू को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री से बात करनी चाहिए और अपने बीच चल रहे मतभेदों को दूर करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “वे एक समझदार व्यक्ति हैं और अपने नए विभाग को बहुत कुछ दे सकते हैं।”
छह जून को मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में सिद्धू से स्थानीय सरकार और पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों का विभाग लेकर उन्हें बिजली और नए और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रालय दे दिया था।
सिद्धू ने हालांकि अपने नए मंत्रालय प्रभार को संभालने से इंकार कर दिया था। दस जून को नई दिल्ली में उन्हें कांग्रेस नेताओं- राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अहमद पटेल से मुलाकात कर उन्हें बताया था कि लोकसभा में पार्टी की हार के लिए उन पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया गया। उसके बाद से वह एकांतवास में चले गए थे।
उनकी अनुपस्थिति में अमरिंदर सिंह ने 10 जून को बिजली की कमी से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए क्योंकि राज्य में इससे धान की फसल की बुवाई प्रभावित हो रही थी।