Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 मप्र : हस्तकला का केंद्र बन रहा है टिगरिया गांव | dharmpath.com

Monday , 25 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » मप्र : हस्तकला का केंद्र बन रहा है टिगरिया गांव

मप्र : हस्तकला का केंद्र बन रहा है टिगरिया गांव

बैतूल, 11 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले का टिगरिया गांव हस्त कला का केंद्र बनकर उभर रहा है, यहां तरह-तरह की कलाकृतियां तैयार की जाती हैं। यहां विशेष डिजाइन के बटुए तैयार किए जा रहे हैं जो देश ही नहीं विदेशियों को भी पसंद आ रहे हैं।

जिला मुख्यालय के करीब स्थित ग्राम टिगरिया में हस्तकला कार्यकलापों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जरी जरदोजी, काष्ठ शिल्प, ढोकरा शिल्प आदि की कार्यशालाओं में अलग-अलग कलात्मक वस्तुएं बनाई जा रही हैं। जरी के बटुओं को विशेष तौर पर तैयार किया जा रहा है। इस तरह के बटुओं की मांग भारत ही नहीं विदेश में भी है।

आने वाले समय में कलात्मक बटुए टिगरिया की पहचान बनने की भी संभावनाएं हैं। बटुओं की डिजाइन विशेष रूप से भोपाल से आए हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार कराई जा रही है। ये बटुए और पर्स हस्तकला प्रेमियों द्वारा बहुत पसंद किए जाते हैं।

कट्र विलेज के तौर पर विकसित हो रहा टिगरिया ग्राम भौगोलिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां से महाराष्ट्र करीब है एवं यह राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा हुआ है। इसके चलते यहां के शिल्पी रेडीमेड गारमेंट फैक्ट्री आदि के वर्क अर्डर को पूरा कर सकते हैं।

हस्तशिल्प निगम के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक एवं वर्तमान में क्रिस्प के एडवाइजर नागेंद्र मेहता ने बताया कि कट्र विलेज के प्रयोग से स्वरोजगार की काफी संभावनाएं हैं। यहां प्रशिक्षित शिल्पकार स्वयं का व्यवसाय तो कर ही सकते हैं, इसके साथ-साथ यहां उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करके प्राप्त आदेश की पूर्ति कर सकेंगे। साथ ही ग्राहकों को न केवल अपने मन मुताबिक सामान मिलेगा, बल्कि प्रकृति की गोद में सुंदर कट्र विलेज के भ्रमण का भी आनंद मिलेगा।

भारत सरकार के हस्त शिल्प वस्त्र मंत्रालय के सहायक निदेशक एस.आर. मेसराम ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य शिल्पियों के कला कौशल को विकसित करना एवं समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है।

टिगरिया के मास्टर शिल्पी बलदेव वाघमारे ने बताया कि उन्हें विभिन्न संस्थाओं से वर्क ऑर्डर मिलने लगे हैं, अभी हाल ही में ट्राई फेड से खरीदी के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। इस कट्र विलेज के पूर्ण विकसित हो जाने पर यहां पर्यटकों की आवाजाही बढ़ जाएगी, जिससे यहां के शिल्पियों को स्थायी रोजगार प्राप्त होगा। फिलहाल यहां जरी कट्र एवं वुड कट्र आदि हस्तकलाओं में 20-20 महिलाएं एवं वुड कट्र में 40 महिलाएं हस्तकला का कार्य सीख रही हैं।

यहां स्थापित किए गए केन्द्र में हस्तशिल्प विभाग द्वारा काष्ठ शिल्प में लकड़ी के बुरादे से निर्मित वाल हैंगिंग आदि तैयार करने का कार्य सिखाया जा रहा है। साथ ही लकड़ी से स्टूल, कोट हेंगर, टॉवेल स्टेंड तैयार करने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मप्र : हस्तकला का केंद्र बन रहा है टिगरिया गांव Reviewed by on . बैतूल, 11 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले का टिगरिया गांव हस्त कला का केंद्र बनकर उभर रहा है, यहां तरह-तरह की कलाकृतियां तैयार की जाती हैं। यहां विशे बैतूल, 11 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले का टिगरिया गांव हस्त कला का केंद्र बनकर उभर रहा है, यहां तरह-तरह की कलाकृतियां तैयार की जाती हैं। यहां विशे Rating:
scroll to top