
पीएम मोदी ने कहा था कि किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार, जो पार्टी का नाम कम करता है, अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि यह सभी पर लागू है. पीएम मोदी की इस बात की जम कर तारीफ़ हुई, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया, पीएम मोदी की बात ‘केवल बात भर है’, जैसा सन्देश जाने लग गया.
पीएम मोदी की बात पर बीजेपी नेताओं का कहना रहा कि ‘प्रधानमंत्री बहुत नाराज थे. उन्होंने कहा कि बदसलूकी करने, पार्टी को बदनाम करने या सार्वजनिक रूप से अहंकार दिखाने का हक किसी के पास नहीं है. उन्होंने कड़े शब्दों में यह बात कही. साथ ही कहा कि ऐसी हरकतें स्वीकार नहीं है.’ लेकिन अब वैसा नहीं हो रहा तो सवाल उठने स्वाभाविक हैं कि अब वो सख्ती, वो तेवर कहाँ गायब हो गए?