पिछले दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर नगर निगम के अधिकारियों को क्रिकेट बैट से पी’ट दिया था। इस पर तंज कसते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक ट्वीट किया है। मायावती ने अपने ट्वीट में केवल भाजपा शासित प्रदेशों को ही नहीं बल्कि सभी प्रदेशों के नेताओं द्वारा कानून हाथ में लेने के मुद्दे पर घेरा है। मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा है कि – “देश भर में हर स्तर पर सत्ताधारी पार्टी के लोगों द्वारा जिस प्रकार से कानून को खुलेआम हाँथ में लेकर हर प्रकार की अराजकता फैलाई जा रही है वह लगातार गंभीर चिन्ता का विषय बना हुआ है। लेकिन बीजेपी नेतृत्व के यदाकदा फटकार से अबतक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है और न आगे कोई गारण्टी है”।
विधायक आकाश सत्ता के नशे में भूल गए हम लोकतंत्र में जी रहे हैं न कि तानाशाही में। किसी ने वीडियो बना लिया। वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। निगम के कर्मचारी जर्जर मकानों को तोड़ने आए थे, ताकि किसी भी प्रकार के दु’र्घटना से बचा जा सके। आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों ने इसका विरोध किया। जिसके बाद समर्थकों और अधिकारीयों में जमकर बहस हुई। मामला हाथापाई तक पहुँच गया। उसके बाद आकाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को पीट दिया।
वीडियो वायरल होने के बाद एक निजी चैनल के पत्रकार ने आकाश के पिता कैलाश विजयवर्गीय से सवाल पूछा कि आपके बेटे ने कानून को अपने हाथ में लेकर निगम अधिकारियों की पिटाई की। वे ऐसा कैसे कर सकते हैं ? इस पर आपका क्या कहना है? पहले तो कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मेरा बेटा गलत काम नहीं कर सकता। फिर जब पत्रकार ने दोबारा पूछा कि यह तो वीडियो में दिख रहा है कि आकाश अधिकारियों की पिटाई कर रहे हैं। इस पर वह और ज्यादा भड़क गए और पत्रकार को कहा कि आप जज हैं क्या? पत्रकार के बार-बार सवाल पूछने पर कैलाश विजयवर्गीय ने आपा खो दिया और कहा कि तुम्हारी हैसियत क्या है?
आकाश को जेल का भी हवा खाना पड़ा था। बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को 7 जुलाई तक के लिए न्या’यिक हि’रासत में भेजा गया था। बाद में भोपाल के स्पेशल कोर्ट ने आकाश विजयवर्गीय कतो जमानत दे दी थी। जेल से छूटने के बाद भी वो विवादों में रहे। जेल से छूटने के बाद उनके समर्थकों ने हवाई फायर किया था। हालांकि समर्थकों द्वारा की गई फायरिंग पर आकाश ने कहा कि वह इस तरह की फायरिंग का समर्थन नहीं करते हैं।