Thursday , 14 November 2024

Home » धर्मंपथ » मोदी की काशी बनेगी ‘भिखारी मुक्त’

मोदी की काशी बनेगी ‘भिखारी मुक्त’

लखनऊ/वाराणसी, 19 जनवरी (आईएएनएस)। देश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) जल्द ही भिखारियों से मुक्त नजर आएगी। धर्मनगरी की छवि सुधारने के लिए एक स्वयंसेवी संस्था ने यह पहल शुरू की है।

लखनऊ/वाराणसी, 19 जनवरी (आईएएनएस)। देश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) जल्द ही भिखारियों से मुक्त नजर आएगी। धर्मनगरी की छवि सुधारने के लिए एक स्वयंसेवी संस्था ने यह पहल शुरू की है।

संस्था की कोशिश है कि बनारस में जगह-जगह भीख मांगकर गुजारा करने वाले दीन-हीन लोगों को इस धंधे से मुक्त कर रोजगारपरक कार्यो से जोड़ा जाए। संस्था के सदस्यों की मानें तो अभी तक 200 से ज्यादा भिखारियों को अलग-अलग तरह के रोजगार से जोड़ा जा चुका है।

वाराणसी के रानीपुर क्षेत्र से संचालित ‘सुमंगलम काशी’ नामक संस्था ने पिछले चार वर्षो से अभी तक 200 भिखारियों को रोजगारपरक कार्यो से जोड़ा है। संस्था की मुहिम बदस्तूर जारी है।

संस्था के सदस्यों ने बनारस में मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन, वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन, काशी व वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन व रोडवेज बस स्टैंड सहित समूचे शहर में खोज-बीन कर भिखारियों की सूची तैयार की और मांगनहारों को मांगना छोड़ कोई दूसरा रोजगार अपनाने को प्रेरित करना शुरू किया। मांगनहारों ने बात मानी और संस्था देखते-देखते 200 से ज्यादा भिखारियों को भीख मांगना छुड़ाने में कामयाब हो गई।

‘सुमंगलम काशी’ के अध्यक्ष शीतला प्रसाद यादव ने बताया, “काशी का स्वरूप देखने के लिए देश-दुनिया से हजारों पर्यटक आते रहते हैं। ये भिखारी उन्हें तंग किया करते हैं और इस कारण बाहर से आने वाले मेहमानों के दिलो-दिमाग में काशी की गलत छवि बनती है। इसी कारण हम भिखारियों का मांगने का धंधा छुड़ाने में लगे हुए हैं।”

उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से एक नारा दिया गया है ‘भिखारी मुक्त हो काशी अपनी’। इसके लिए संस्था के सदस्य लगातार भिखारियों से संपर्क करते हैं और उनकी मर्जी होने पर ही उन्हें भिक्षावृत्ति से दूर करने का प्रयास किया जाता है।

यादव ने बताया कि भिक्षावृत्ति से हटने वाले लोगों को टायरों का पंचर बनाने, सब्जियां बेचने, मोची वाले कार्य, दुकानों में सेवा देने जैसे कार्यो से जोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि मनोवृत्ति बदलते ही मांगने वाला खुद नए काम में रम जाता है और पुराने काम से नाता तोड़ लेता है।

संस्था के सचिव अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि भिखारियों के बच्चों के भविष्य के लिए संस्था की ओर से ‘फुलवारी’ व ‘कौशलम’ सेंटर बनाया गया है। छितौनी गांव में आठ कमरों का एक केंद्र है, जहां बच्चों को सिलाई व नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाता है।

उल्लेखनीय है कि दुनियाभर से काशी पहुंचने वाले पयर्टकों के मन में इस धर्मनगरी की बेहतर छवि बनाने की दिशा में यहां का प्रशासन भी सक्रिय हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान और गंगा सफाई अभियान के बाद यहां के प्रशासन की तरफ से काशी की छवि बेहतर बनाने के लिए ‘सुबह-ए-बनारस’ का दिलकश नजारा इंटरनेट के माध्यम से लोगों तक ऑनलाइन पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

मोदी की काशी बनेगी ‘भिखारी मुक्त’ Reviewed by on . लखनऊ/वाराणसी, 19 जनवरी (आईएएनएस)। देश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) जल्द ही भिखारियों से मुक लखनऊ/वाराणसी, 19 जनवरी (आईएएनएस)। देश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी (काशी) जल्द ही भिखारियों से मुक Rating:
scroll to top