अभियोजन पक्ष के अनुसार, मिशन कम्पाउंड निवासी मनोज कुमार अग्रवाल ने 5 अगस्त 2007 को थाना सीपरी बाजार में सूचना दर्ज कराई थी कि उसका पेट्रोल पम्प राठ हमीरपुर में है। वह ज्यादातर राठ में ही रहता है, जबकि उसकी पत्नी व बच्चे झांसी में रहते हैं। मकान के नीचे बसंत चौरसिया अपनी पत्नी बबली के साथ रहता है। 2 अगस्त 2007 को बबली अपने मायके गई थी।
मनोज 5 अगस्त 2007 की सुबह 8 बजे बसंत की पत्नी के पास पहुंचा और यश अग्रवाल (9), गौरव (8) को बाल कटवाने की बात कहकर अपनी मोटरसाइकिल नम्बर (एमपी 20 एमसी 2519) पर बैठा ले गया। बाद में मनोज ने बच्चों को छोड़ने के लिए 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी।
पुलिस को विवेचना के दौरान बच्चों को अपहृत करने वाले बसंत ने भोपाल में रहने वाली रानू कृपलानी व महेश के साथ आने को कहा। मनोज पुलिस के साथ भोपाल पहुंचा, तो बसंत ने बताया कि वह बच्चों को लेकर जबलपुर में है। 10 अगस्त 2007 को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि बसंत इस समय भीकमपुर जिला मंडला में है।
पुलिस ने टीकाराम पाण्डे के मकान ग्राम भीकमपुर से अपहृत बच्चों को बरामद कर बसंत चौरसिया, उसकी पत्नी बबली, टीकाराम पांडे व उसके पिता द्वारका प्रसाद पांडे को पकड़ लिया। उन सभी ने बताया कि बच्चों का अपहरण करके यहां लाया गया।
अपहरण के बारे में बबली के पिता मुन्नू पांडेय व उसकी पत्नी रज्जो को भी जानकारी थी। इसके एवज में उन लोगों ने बसंत चौरसिया से पैसा लिया था।
पुलिस ने बसंत चौरसिया, बबली, द्वारका प्रसाद पांडेय, टीकाराम पांडेय, रज्जो उर्फ रजनी, राजू कृपलानी, महेश कृपलानी और उत्तम कुमार तिवारी के विरुद्ध धारा 364 ए, 368, 120 बी, 420 के अंतर्गत न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया।
अदालत ने अभियोजन की ओर से दिए गए सबूतों के आधार पर अभियुक्तों को धारा 364ए में आजीवन कारावास की सजा तथा 10-10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।