नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कर्मचारी संघ (एएईयू) ने नियामकों की निजीकरण योजना का विरोध किया है और योजना वापस न लिए जाने की दशा में फिर से हड़ताल करने की चेतावनी दी है।
एएईयू ने नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू को चिट्ठी लिखकर त्रिपक्षीय समिति की सिफारिशों के उल्लंघन का हवाला देते हुए कहा, “अगर सरकार हमारी बातें उचित तरीके से नहीं सुनती तो हमें कारोबार ठप्प करने और हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ेगा।”
उल्लेखनीय है कि त्रिपक्षीय समिति की सिफारिशों को केंद्र सरकार स्वीकार कर चुकी है।
कर्मचारी संघ ने कहा कि निजीकरण के कारण दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई और बेंगलुरू हवाईअड्डों से यात्रा बेहद महंगी हो जाएगी।
एएईआई ने कहा, “एएईआई द्वारा संचालित हवाईअड्डों की तुलना में निजी हवाईअड्डों पर सेवाएं बेहद महंगी हैं, जैसा कि मौजूदा निजी हवाईअड्डों पर देखा जा सकता है, जबकि एएईआई द्वारा संचालित हवाईअड्डों पर सेवाओं की गुणवत्ता उतनी ही स्तरीय होने के बावजूद काफी सस्ती है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, एएआई के अध्यक्ष, मुख्य श्रम आयुक्त तथा परिवहन, संस्कृति एवं पर्यटन की संसदीय समिति को लिखी अपनी चिट्ठी में एएईआई ने चेन्नई, कोलकाता, जयपुर और अहमदाबाद स्थित हवाईअड्डों के विकास, संचालन एवं प्रबंधन का निजीकरण करने की योजनाओं का भी विरोध किया है।
गजपति राजू ने पिछले वर्ष नवंबर में कहा था कि निजीकरण या किसी अन्य योजना पर कोई निर्णय लेने से पहले सरकार एएआई के सभी हिस्सेदारों, जिसमें कर्मचारी संघ भी शामिल है, से परामर्श करेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।