नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में संग्राम 11वीं बार राजपथ पर मार्च पास्ट में शामिल होगा। 16 वर्षीय संग्राम संग्राम सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का ऊंट है और वह साल के आखिर में सेवानिवृत्त हो जाएगा।
नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में संग्राम 11वीं बार राजपथ पर मार्च पास्ट में शामिल होगा। 16 वर्षीय संग्राम संग्राम सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का ऊंट है और वह साल के आखिर में सेवानिवृत्त हो जाएगा।
संग्राम बीएसएफ के ऊंट दस्ते का सबसे बूढ़ा ऊंट है। 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र समारोह के दौरान यह उसकी 11वीं और आखिरी परेड होगी। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी मौजूद होंगे।
संग्राम की देखभाल करने वाले अरब खान (45) ने कहा कि संग्राम 90 ऊंटों वाले दल का हिस्सा होगा। वह आदेशों का पालन करने में माहिर है।
खान ने आईएएनएस से कहा, “संग्राम हमारे दल का बहुत ही भाग्यशाली ऊंट है क्योंकि उसे अपनी आखिरी परेड को विश्व के सबसे महफूज नेता बराक ओबामा के सामने प्रदर्शित करने का मौका मिल रहा है।”
पिछले साल की परेड में संग्राम ने अपने दल का नेतृत्व किया था लेकिन इस बार वह युवा ऊंटों के पीछे और दल के बीच में होगा।
बीएसएफ के उप-कमांडेंट कुलदीप चौधरी ने आईएएनएस से कहा, “पिछले साल की परेड में संग्राम सबसे आगे था। लेकिन चूंकि अब वह बूढ़ा हो गया है इसलिए हमने उसे दल के बीच में रखने का फैसला किया है।”
अधिकारी ने कहा कि इस साल जो ऊंट गणतंत्र दिवस के अवसर पर दल का नेतृत्व करेगा वह युवा होगा और उसकी बैच संख्या टी7/10 होगा।
संग्राम जैसलमेर प्रजाति का ऊंट है और उसकी बैच संख्या एस4/135 है। संग्राम जब पांच वर्ष का था तब उसे 12 जनवरी 2004 को बीएसएफ में शामिल किया गया था और अगले साल से ही उसने परेड में भाग लेना शुरू कर दिया था।
बीएसएफ अधिकारी ने कहा, “संग्राम अपने 99 अन्य साथियों के साथ दिल्ली में है। वह अपने करियर के अंतिम गणतंत्र दिवस परेड का अभ्यास कर रहा है।”
कुलदीप चौधरी ने कहा कि बीएसएफ के पास अधिकृत रूप से 1200 ऊंट हैं। इन ऊंटों को पांच साल की उम्र में उचित पशु चिकित्सा निरीक्षण के बाद बीएसएफ में शामिल किया गया था। एक ऊंट औसतन 15 साल तक सुरक्षा बलों की सेवा करता है।
सुरक्षा बलों के साथ बिताए गए संग्राम के समय को याद करते हुए अधिकारियों ने बताया, “शुरुआत में उसे पोखरण में तैनात किया गया और बाद में सीमा पर पांच माह के लिए तैनात किया गया। संग्राम को 2004 में जोधपुर प्रशिक्षण केंद्र ले जाया गया था जहां पर वह फिलहाल तैनात है।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।