नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि मीडिया को विचाराधीन मामलों की रिपोर्टिग करते समय समानांतर राय बनाने से बचना चाहिए।
न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा स्मृति व्याख्यान माला की प्रथम कड़ी के तहत ‘मीडिया की स्वतंत्रता’ विषय पर जेटली ने कहा, “प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ निगरानी रखना मुश्किल होता जा रहा है और मीडिया के सामने भी स्वामित्व, वित्तीय स्थिरता और वित्तीय स्वरूप के संदर्भ में यह बड़ी चुनौती बनकर उभरा है, जो कि पेड न्यूज जैसी स्थितियां पैदा करता है।”
मौजूदा समय में मीडिया की समस्याओं पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में मीडिया की स्वतंत्रता से संबंधित मुद्दों के पारंपरिक स्वरूप में बदलाव आया है। यह बदलाव मीडिया की प्रकृति और उसकी सामग्री और खबरों की परिभाषा बदलने के कारण आया है।
उन्होंने कहा, “मीडिया के सामने संवेदनशील मुद्दों से निपटने में अपनी भूमिका के निर्वहन के साथ-साथ खबरों की गुणवत्ता और उनकी विश्वसनीयता बनाए रखने की चुनौती है।”
उन्होंने कहा कि सुरक्षा, सामाजिक तनाव, किसी व्यक्ति की निजी जिंदगी और विचाराधीन मामलों पर रिपोर्टिग करते समय मीडिया की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण हो जाती है।
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जेटली ने मानवाधिकार, लैंगिक समानता, सत्यनिष्ठा और मीडिया की स्वतंत्रता के क्षेत्र में न्यायमूर्ति वर्मा के योगदान को याद करते हुए उन्हें समाज की सच्चाई का रखवाला बताया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।