इससे पहले पिछले साल जून में 181 टॉवर लगाने की मंजूरी मिली थी। हाल ही में 146 मोबाइल टावर के लिए कार्यादेश जारी किया गया है।
बताया जाता है कि बस्तर के अंदरूनी इलाकों में मोबाइल टॉवर नहीं होने से दूरसंचार कनेक्टिविटी के अभाव में नक्सली मोर्चो पर तैनात जवानों और जिला व केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई महत्वपूर्ण सूचनाएं भी संचार माध्यमों के अभाव के कारण समय पर मुख्यालय तक नहीं पहुंच पाती हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में एक दिसंबर को हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 14 जवान शहीद हो गए थे। जांच में यह बात सामने आई थी कि नेटवर्क के अभाव में जवानों को बचाने गई पार्टियां सही समय पर नहीं पहुंच पाई थीं।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एन.के. असवाल ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाने की जिम्मेदारी केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय की है। प्रदेश सरकार की ओर से इस बाबत कई बार पत्र लिखा गया था। फिलहाल 146 मोबाइल टावरों के निर्माण का कार्यादेश जारी हो गया है, इसे जल्द ही पूरा करवा लिया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।