नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को धनंजय मुंडे द्वारा कथित तौर पर भूमि हड़पने के मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। धनंजय मुंडे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं।
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी व न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अवकाश पीठ ने कहा कि उन्होंने कोई विशेष कारण नहीं पाया जो उच्च न्यायालय को इस मामले में दखल देने व प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश देने के योग्य बताता हो।
शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार व शिकायतकर्ताओं को नोटिस जारी किया।
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायाल की मुंडे के खिलाफ मामला दर्ज करने की आवश्यकता की कड़ी टिप्पणियों को नोट किया, लेकिन उसमें कोई मेरिट पाने में विफल रहा।
शीर्ष अदालत ने कहा, “अगर हम इसकी अनुमति देते हैं तो हर दूसरा व्यक्ति प्राथमिकी दर्ज करने के लिए उच्च न्यायालय जाएगा।”
मुंडे के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र शरण ने जोर दिया कि प्राथमिकी को रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने दलील दी कि यह उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के गलत इस्तेमाल को दिखाता है।
शीर्ष अदालत ने मुंडे के वकील के तर्क को सही ठहराया कि प्रथमदृष्टया उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।
मुंडे ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए गुरुवार को शीर्ष अदालत से संपर्क किया था। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी व न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाश पीठ ने मामले पर सुनवाई की सहमति दी थी।
इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने पुलिस को बीड जिले में सरकारी जमीन की कथित अवैध खरीद को लेकर मुंडे के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।