नई दिल्ली, 13 जून (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के. सिवन ने गुरुवार को यहां कहा कि भारत अपना अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है।
अंतरिक्ष केंद्र का वजन करीब 20 टन होने का अनुमान है और यह अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन, गगनयान मिशन का विस्तार होगा।
सिवन ने संवाददाताओं से कहा, “गगनयान के 2022 में पूरी तरह सफल होने के बाद अगले पांच-सात सालों के दौरान भारत अपना अलग अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करेगा।”
उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष केंद्र का उपयोग संभवतया सूक्ष्म गुरुत्व परीक्षण करने के लिए किया जाएगा।”
इसरो प्रमुख ने कहा कि अंतरिक्ष केंद्र की आरंभिक योजना अंतरिक्ष में अंतरिक्षयात्रियों को 15-20 दिनों तक ठहराने के लिए है, लेकिन इस संबंध में विशेष ब्योरा गगनयान के पूरे होने के बाद आएगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस परियोजना के लिए किसी अन्य देश से कोई सहयोग नहीं लिया जाएगा।
अंतरिक्ष केंद्र अब तक सिर्फ अमेरिका, रूस, चीन और कुछ देशों के एक समूह के पास है, जिनका अपना अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र है।
सिवन ने यह भी बताया कि इसरो सूर्य और शुक्र ग्रह के अध्ययन के लिए दो अन्य मिशन लांच करने की योजना बना रहा है।
सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 मिशन 2020 के प्रारंभ में लांच किया जाएगा और शुक्र ग्रह का अध्ययन करने के लिए 2023 में मिशन की शुरुआत की जाएगी।